
नेताजी. ने जनसंपर्क अभियान चलाया और उनकी उपलब्धियों व कारनामों की डुगडुगी हर गांव, हर मोहल्ले में बजने लगी। नेताजी के चेले चांटे पब्लिक से नेता जी के नक्शे कदम पर चलकर एक खुशहाल समाज की परिकल्पना को साकार करने की अपील करने लगे। पब्लिक को अपील च गई और मैं भी अपील का कायल हो गया। मैंने इस अपील को हाथों-हाथ लेते हुए नेताजी के नक्शे कदम पर चलने की ठान ली और पूरी तैयारी से मैदान में उतर गया। मैदान में उतरते ही मैंने अपनी शतरंज बिछा दी और सारे मोहरे फिट कर दिए। फिर चौसर पर गेम खेलना शुरू की। सबसे पहले नेताजी के अतीत का गहराई से अध्ययन किया । इस अध्ययन से प्रेरणा ली। फिर नेताजी के वर्तमान स्थिति तक पहुंचने का सूक्ष्म अध्ययन किया। कभी नेताजी के लंगोटिया यार रहे लोगों से संपर्क साधा। यानी नेताजी के नक्शे कदम पर चलने के लिए मानसिक और शारीरिक रूप से खुद को तैयार कर लिया। क्योंकि मैं बचपन से ही दूरदर्शी भी था, इसलिए मैंने सबसे पहले समान विचारधारा के कुछ लोग इक किए। उन्हें भाषण दिए । उनके भीतर जोश भरा और मैं उन लोगों का सरगना बन गया। मैंने उन्हें सारे पाप और पुण्य कर्म एक साथ करने की शपथ दिलाई। सब ने शपथ ले ली। पहले हमने अवैध खनन के काम पर हाथ डाला । उस कमाई का हिस्सा बड़े अधिकारियों और बड़े लीडरों तक पहुंचाया। हमें उनका वरदहस्त मिला । हमारा काम चल निकला और हमने खुलेआम सारी नदियां और पहाड़ खोखले करने शुरू कर दिए। देखते ही देखते हम खनन किंग बन गए। इसके बाद हम शराब कारोबार में कूद गए। हमने असली और नकली शराब के बीच का भेद खत्म कर दिया। यानी शराब के ऐसे-ऐसे मिश्रण तैयार किए कि लोगों को भी थोड़ा सस्ती शराब मिली और हमारे ऊपर भी लक्ष्मी मेहरबान हो गई। राजनीति में भी हमारा प्रभाव बराबर बढने लगा। बड़े-बड़े दिग्गज नेता हमें अपनी कार में बिठाकर सचिवालय तक ले जाने लगे और खुद कार का दरवाजा खोलने लगे। इससे पब्लिक और ब्यूरोक्रेसी में एक जबरदस्त मैसेज गया कि हमारा चारों तरफ डंका बजता है और सरकार हमारे मुरी में है। इस मैसेज ने हमारी प्रतिष्ठा में चार चांद लगा दिए। हमने तबादले करवाने और रुकवाने के नाम पर भी सरेआम धन अर्जित करना शुरू किया। यह धन फिर हमने स्विस बैंकों में जमा करवाना शुरू कर दिया। राजधानी में अलग-अलग दलों के दिग्गज नेताओं को महंगे-महंगे गिफ्ट देना शुरू किए ताकि किसी एक दल से चुनाव में टिकट का जुगाड़ हो जाए। बड़े-बड़े दलों के दिग्गज नेताओं के करीबियों में हम शुमार हो गए। रात को हम किसी नेता की पार्टी में बुलाए जाने लगे और दिन को हम किसी दूसरे दल के नेता की पार्टी में शामिल होने लगे। यानी हमारी चारों उंगलियां घी में और सिर कड़ाही में तैरने लगा। अभी तक हम इसी काम में लगे हुए हैं और हमारे चेले-चांटे पब्लिक तक यह मैसेज पहुंचाने में लगे हैं कि अगर हम चुनाव जीत गए तो पब्लिक को स्वर्ग में रहने की फीलिंग मिलेगी और नरक को इस धरती भगा दिया जाएगा। कोई बेरोजगार नहीं रहेगा। कोई भूखा नहीं सोएगा। हर महिला के बैंक अकाउंट में हर महीने की पहली तारीख को हमारी तरफ से पैसे आए करेंगे। हर बेरोजगार को गारंटी के साथ रोजगार मिलेगा। खनन माफिया, शराब माफिया और तबादला माफिया को जड़ से उखाड़ कर पब्लिक को राहत दिलाई जाएगी।
