हिंदी ने कई भाषाओं को निगला…

हिंदी ने कई भाषाओं को निगला...
हिंदी ने कई भाषाओं को निगला…

स्टालिन के बयान पर भाजपा ने बोला हमला नई दिल्ली। दक्षिण में भाषा पर सियासत दिन पर दिन तीखी होती जा रही है। हिंदी और तमिल का विवाद राज्य की सीमाएं लांघ रहा है। सीएम स्टालिन हिंदी पर भारतीय भाषाओं को निगलने का आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने एक पोस्ट में हिंदी को कठघरे में खड़ा करते हुए देश के लोगों से सवाल किया। इस पर देश के रेल मंत्री ने करारा जवाब दिया है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के जवाब से पहले आइए जान लेते हैं स्टालिन ने हिंदी को लेकर क्या-क्या कहा है। स्टालिन कहते हैं, अन्य राज्यों के मेरे प्यारे बहनों और भाइयों, कभी सोचा है कि हिंदी ने कितनी भारतीय भाषाओं को निगल लिया है? भोजपुरी, मैथिली, अवधी, ब्रज, बुंदेली, गढ़वाली, कुमाऊंनी, मगही, मारवाड़ी, मालवी, छत्तीसगढ़ी, संथाली, अंगिका, खरिया, खोरठा, कुरमाली, कुरुख, मुंडारी और कई अन्य अब अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रही हैं। एक अखंड हिंदी पहचान के लिए जोर देने से प्राचीन मातृभाषाएं खत्म हो रही हैं। यूपी और बिहार कभी भी सिर्फ हिंदी के गढ़ नहीं थे । उनकी असली भाषाएं अब अतीत की निशानियां बन गई हैं। स्टालिन के इस पोस्ट पर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने करारा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि समाज को बांटने की ऐसी थोथी कोशिशों से खराब शासन कभी नहीं छिप पाएगा । इसी पोस्ट रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने आगे कहा कि यहां ये जानना जरूरी है कि लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी इस विषय पर क्या कहते हैं? क्या हिंदी भाषी सीट के सांसद के तौर पर वो इस बात से सहमत हैं ?

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