डायबिटीज के मरीजों के लिए सुरक्षित विकल्प बना स्टीविया

डायबिटीज के मरीजों के लिए सुरक्षित विकल्प बना स्टीविया
डायबिटीज के मरीजों के लिए सुरक्षित विकल्प बना स्टीविया

वाशिंगटन

डायबिटीज के मरीजों के लिए मीठे का स्वाद पूरी तरह छोड़ना आसान नहीं होता। ऐसे में स्टीविया एक बेहतरीन विकल्प बनकर उभरा है। यही कारण है कि स्वास्थ्य विशेषज्ञ इसे डायबिटीज रोगियों के लिए सुरक्षित और फायदेमंद मानते हैं। स्टीविया एक हर्बल स्वीटनर है, जो उत्तर और दक्षिण अमेरिका में पाए जाने वाले पौधे से प्राप्त होता है। भारत में इसे ‘मीठी तुलसी’ के नाम से भी जाना जाता है। इसकी पत्तियां चीनी से 50 से 300 गुना ज्यादा मीठी होती हैं, लेकिन इनमें कैलोरी न के बराबर होती है। स्टीविया में मौजूद स्टेविओल ग्लाइकोसाइड इसे अत्यधिक मीठा बनाते हैं, लेकिन यह शरीर में ग्लूकोज के स्तर को प्रभावित नहीं करता। यही कारण है कि यह मधुमेह रोगियों के लिए उपयुक्त विकल्प माना जाता है। 2018 में किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि स्टीविया के सेवन से 60 से 120 मिनट के भीतर ब्लड शुगर के स्तर में गिरावट देखी गई। यह प्रभाव इंसुलिन स्राव से पहले ही नजर आया। 2016 में किए गए एक अन्य शोध में यह स्पष्ट हुआ कि स्टीविया के सूखे पत्तों का पाउडर उपवास और भोजन के बाद ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित रखने में मदद करता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि स्टीविया केवल ब्लड शुगर नियंत्रण में ही नहीं बल्कि अन्य स्वास्थ्य लाभ भी प्रदान करता है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट गुण शरीर को फ्री- रेडिकल्स से बचाने में मदद करते हैं। यह भूख को नियंत्रित करने के साथ- साथ मीठा खाने की इच्छा को भी कम करता है। शोध से यह भी सामने आया है कि स्टीविया ट्राइग्लिसराइड और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम कर सकता है, जिससे हृदय रोगों का खतरा कम हो सकता है। अमेरिका में फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) ने स्टेवियोल ग्लाइकोसाइड को ‘जनरली रिकग्नाइज्ड एज सेफ’ यानी जीआरएएस का दर्जा दिया है।

डायबिटीज के मरीजों के लिए सुरक्षित विकल्प बना स्टीविया
डायबिटीज के मरीजों के लिए सुरक्षित विकल्प बना स्टीविया