
मुंबई (हि.स.)। केंद्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री प्रल्हाद जोशी ने सोमवार को मुंबई में कहा कि वित्त जुटाना 2030 तक 500 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा हासिल करने की कुंजी है। मौके पर केंद्रीय राज्यमंत्री श्रीपाद नाईक भी उपस्थित थे | केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी आज मुंबई में केंद्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा आयोजित नवीकरणीय ऊर्जा के लिए वित्त जुटाने पर राष्ट्रीय कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे । केंद्रीय मंत्री जोशी ने नवीकरणीय ऊर्जा (आरई) क्षेत्र को सुलभ वित्त पोषण सुनिश्चित करने के लिए वित्तीय संस्थानों और नीति निर्माताओं से सामूहिक प्रयास करने का भी आह्वान किया। उन्होंने कहा कि कार्यशाला का विचार प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में एक समीक्षा बैठक के बाद सामने आया, जहां पीएम सूर्य घर और पीएम- कुसुम जैसी प्रमुख योजनाओं में तेजी लाने पर चर्चा हुई। भारत देश तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने का लक्ष्य रखता है, इसलिए इसकी ऊर्जा मांग दोगुनी होने की उम्मीद है। उन्होंने जोर देकर कहा कि नवीकरणीय ऊर्जा को थर्मल ऊर्जा उत्पादन से मेल खाने के लिए बढ़ाया जाना चाहिए, ताकि एक विश्वसनीय और लचीली बिजली आपूर्ति सुनिश्चित हो सके। केंद्रीय मंत्री ने 2070 तक नेट जीरो हासिल करने और 2030 तक 500 गीगावॉट गैर – जीवाश्म ईंधन आधारित क्षमता तक पहुंचने की भारत की प्रतिबद्धता के बारे में भी बात की। उन्होंने वित्तीय संस्थानों से भारत की नवीकरणीय ऊर्जा विकास रणनीति के साथ अपनी ऋण नीतियों को संरेखित करने का आह्वान किया और इस बात पर जोर दिया कि भविष्य में कार्बन-गहन उद्योगों को निर्यात के अवसरों में कमी का सामना करना पड़ेगा। मंत्री जोशी ने कहा कि भारत ने पहले ही नवीकरणीय ऊर्जा में महत्वपूर्ण प्रगति की है, जिसकी क्षमता आज 222 गीगावॉट तक बढ़ गई है। उन्होंने बताया कि पीएम- कुसुम और पीएम सूर्य घर किसानों को ऊर्जादाता (ऊर्जा प्रदाता) बनने के लिए सशक्त बनाते हैं, साथ ही ट्रांसमिशन घाटे को भी कम करते हैं। उन्होंने बैंकों से वित्तपोषण प्रक्रियाओं को सरल बनाने का आग्रह किया, विशेष रूप से रूफटॉप सौर परियोजनाओं के लिए, और डिस्कॉम के लिए नवीकरणीय खरीद दायित्वों (आरपीओ) के समान, इस क्षेत्र के लिए समर्पित वित्तपोषण सुनिश्चित करने के लिए नवीकरणीय ऊर्जा वित्तपोषण दायित्व की शुरुआत करने का आह्वान किया।
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