
महाकुम्भ नगर, (हि.स.)। कांची कामकोटि पीठाधीश्वर शंकराचार्य विजयेन्द्र सरस्वती रविवार को प्रयागराज पहुंचे। शंकराचार्य ने दक्षिण भारत से आये वैदिक विद्वानों के साथ संगम में डुबकी लगाकर मां गंगा की पूजा अर्चना की। बता दें, शंकराचार्य विजयेन्द्र सरस्वती दक्षिण भारतीय विद्वान ब्राह्मणों के एक दल के साथ तिरुचिरापल्ली हवाई अड्डे से विशेष विमान से चलकर 10:30 बजे बमरौली एयरपोर्ट पहुंचें। संगम स्नान के बाद उन्होंने बड़े हनुमान मंदिर में दर्शन-पूजन किया। शंकराचार्य अपने साथ 50 किलो सोने का मंदिर भी लाये हैं, जिसे शिविर में रखकर विशेष पूजन व अनुष्ठान किया जाएगा। शंकराचार्य शंकर विमान मंडपम में भी पूजन करेंगे। मुख्यमंत्री योगी करेंगे आध्यात्मिक चर्चाा’: महाकुम्भ पहुंचे कांची कामकोटि पीठाधीश्वर शंकराचार्य विजयेन्द्र सरस्वती से मुलाकात करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रयागराज पहुंच चुके हैं। सेक्टर 20 स्थित शंकराचार्य शिविर में सीएम योगी शंकराचार्य से भेंट की और उनका आशीर्वाद लिया । शंकराचार्य ने माला पहनाकर मुख्यमंत्री का स्वागत किया। मुख्यमंत्री शंकराचार्य से आध्यात्मिक चर्चा करेंगे। शंकराचार्य से मुलाकात के बाद सीएम डीपीएस हेलीपैड पहुंचेंगे और वहां से लखनऊ के लिए रवाना होंगे। कुम्भ भूमि पर 57वें प्राकट्य महोत्सव की हुई शुरूआत : श्रीकांची कामकोटि पीठाधीपति जगद्गुरू शंकराचार्य विजयेन्द्र सरस्वती महाराज का 57वां प्राकट्य महोत्सव का शुभारम्भ मह- कुम्भ मेला क्षेत्र में 21 फरवरी से शुरू हो गया। सात दिवसीए प्राकट्य महोत्सव समारोह के दौरान प्रतिदिन अलग-अलग प्रकार के हवन यज्ञ किये जायेंगे। समस्त कार्यक्रम मह- कुम्भ मेला क्षेत्र के सेक्टर 20 स्थित श्री कांची कामकोटि के शिविर में संपन्न होंगे। कांची कामकोटि के प्रतिनिधि वी. एस. सुब्रमण्यम मणि ने बताया कि प्राकट्य महोत्सव के दौरान 21 फरवरी को परमेश्वरी हवन, वेद पारायण और कृष्ण सहस्त्रनाम पारायण होगा। इसके बाद 22 फरवरी को महासुदर्शन हवन, 23 फरवरी को विष्णु यज्ञ, गरूड़ मंत्र होगा | 24 फरवरी को महालक्ष्मी होगा। वहीं 25 फरवरी को गो पूजा, अवन्ती होम, मृत्युंजय होम किया जायेगा। 26 फरवरी को आदि रूद्र महायज्ञ, विघ्नेश्वर विघ्नेश्वर पूजा व चण्डी पूजा होगी। 27 फरवरी को पूणाहुति के साथ महोत्सव संपन्न होगा।
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