मंदिर प्रबंधन, कथा प्रवीण पाठ्यक्रम की योजना प्रस्तावित : प्रो. बिहारी लाल शर्मा

वाराणसी, (हि.स.)। सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय के ऑनलाइन संस्कृत प्रशिक्षण केन्द्र में मंगलवार से प्रवेश प्रक्रिया शुरू हो गई है। वर्ष 2025 में डिप्लोमा पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए ऑनलाइन आवेदन पोर्टल 31 जनवरी 2025 तक खुला रहेगा। सभी विषयों के डिप्लोमा पाठ्यक्रमों में प्रवेश खोले गए हैं, जिनमें सम्पूर्ण पाठ्यक्रम का शुल्क मात्र 2000 रुपए है। वार्षिक डिप्लोमा में कुल 180 कक्षाएँ संचालित की जाती है। केन्द्र के निदेशक प्रो. रमेश प्रसाद के अनुसार अभ्यर्थियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए लाइव कक्षाओं का समय सायंकाल छह बजे से रात्रि दस बज के मध्य रखा गया है। अधिकृत ऐप के माध्यम से अपनी सुविधानुसार अभ्यर्थी कक्ष- ओं का अवलोकन पाठ्यक्रम की अवधि में कभी भी कर सकते हैं। कक्षाएँ हिन्दी भाषा में एवं सरल मानक संस्कृत भाषा में अभ्यर्थियों की बोधगम्यता को ध्यान में रखते हुए संचालित की जाती हैं। उधर, विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बिहारी लाल शर्मा ने बताया कि ज्योतिष, वास्तुशास्त्र सहित अन्य डिप्लोमा पाठ्यक्रमों में प्रवेश प्रारम्भ है। मंदिर प्रबंधन तथा कथा प्रवीण जैसे पाठ्यक्रमों को भी प्रारम्भ करने की योजना प्रस्तावित है । सम्पूर्ण पाठ्यक्रमों को रोजगार कौशल की दृष्टि में सर्वोपरि स्थान दिया गया है। केन्द्र के निदेशक प्रो. रमेश प्रसाद ने बताया कि उत्तर प्रदेश शासन के उच्च शिक्षा विभाग से अनुदानित इस केन्द्र में 10 विषयों में क्रमशः डिप्लोमा उपाधियाँ प्रदान की जाती हैं। उन्होंने बताया कि वर्ष 2024 में ही प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल एवं उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय ने संयुक्त रूप से इस केन्द्र को लोकार्पित किया था । इस केन्द्र में त्रैमासिक एवं षाण्मासिक प्रमाणपत्रीय पाठ्यक्रम तथा वार्षिक डिप्लोमा के पाठ्यक्रम संचालित किए जाते हैं। इस केन्द्र की विशेषता यह है कि बिना किसी पूर्व योग्यता के कोई भी व्यक्ति दुनिया के किसी भी कोने से ऑनलाइन माध्यम से इसमें प्रवेश प्राप्त कर सकता है । इसमें कक्षाएँ, परीक्षाएँ एवं प्रमाणपत्र आदि समस्त प्रक्रिया ऑनलाइन ही सम्पादित की जाती है।

मंदिर प्रबंधन, कथा प्रवीण पाठ्यक्रम की योजना प्रस्तावित : प्रो. बिहारी लाल शर्मा
Skip to content