नई दिल्ली। नया साल शुरू होते ही आम उपभोक्ताओं की जेब पर और भार बढ़ने वाला है। देश की प्रमुख एफएमसीजी कंपनियां, जैसे हिंदुस्तान यूनिलीवर, डाबर, गोदरेज कंज्यूमर, पारले प्रोडक्ट्स, नेस्ले, और अडानी विल्मर, अपने उत्पादों की कीमतें बढ़ाने की तैयारी में हैं। उत्पादन लागत और कस्टम ड्यूटी में बढ़ोतरी का असर अब चाय पत्ती, साबुन, तेल और क्रीम जैसे रोजमर्रा के उत्पादों पर साफ दिखाई देगा। सितंबर 2024 में खाद्य तेल आयात पर ड्यूटी में 22 प्रतिशत की वृद्धि के साथ ही पिछले एक साल में इसकी लागत में 40 प्रतिशत तक का इजाफा हुआ है। इसी तरह, चीनी, गेहूं के आटे और कॉफी के उत्पादन पर भी महंगाई का असर देखा गया है। पारले प्रोडक्ट्स के वाइस प्रेसिडेंट मयंक शाह ने पुष्टि की है कि कंपनी अपने उत्पादों की नई कीमतों के साथ पैकेजिंग तैयार कर रही है। उन्होंने कहा कि यह बढ़ोतरी उपभोक्ताओं की मांग को ज्यादा प्रभावित नहीं करेगी। वहीं, डाबर ने हेल्थकेयर और ओरल केयर उत्पादों की कीमतें बढ़ाई हैं, जबकि नेस्ले ने अपने कॉफी प्रोडक्ट्स में बढ़ोतरी की है। रिटेल डेटा के अनुसार, ग्रामीण इलाकों में बढ़ती मांग ने अक्तूबर 2024 में एफएमसीजी सेक्टर को 4.3 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि दी थी, लेकिन नवंबर में बिक्री में गिरावट दर्ज की गई। कंपनियों को उम्मीद है कि शहरी उपभोक्ता इन बढ़ी कीमतों को वहन कर पाएंगे।