गुवाहाटी । असम की अर्थव्यवस्था, गतिशील भविष्य की ओर बढ़ने के संकेत दिखाने के बावजूद, प्रति व्यक्ति आय के मामले में अपने पड़ोसी राज्यों से पीछे है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के 2023-24 के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, असम देश में सबसे निचले पायदान पर है, जो केवल बिहार, उत्तर प्रदेश और झारखंड से आगे है। आंकड़ों से पता चलता है कि असम की औसत प्रति व्यक्ति आय 1,35,787 है, जो आंध्र तुलनात्मक रूप से मजबूत आर्थिक संकेतक प्रदर्शित करते हैं। अर्थशास्त्रियों का तर्क है। कि भले ही राजनीतिक नेता आर्थिक मजबूती का दावा करते हों, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही कहानी बयां करती है। प्रति व्यक्ति कम आय बढ़ती बेरोजगारी और छोटे और मध्यम स्तर के व्यवसायों में गिरावट राज्य के लिए गंभीर चिंता का विषय बनी हुई है। एक अर्थशास्त्री ने टिप्पणी की कि यदि लोगों की क्रय शक्ति कम हो जाती है, तो राजनीतिक दावों के बावजूद अर्थव्यवस्था को बढ़ने में संघर्ष करना पड़ेगा। राज्य सरकार इस मुद्दे पर काफी हद तक चुप रही है, और असम की प्रति व्यक्ति आय में लगातार गिरावट के लिए कोई स्पष्ट स्पष्टीकरण नहीं दिया है। बढ़ती बेरोजगारी और कमजोर होते लघु उद्योगों के कारण असम को सतत आर्थिक विकास हासिल करने में काफी बाधाओं का सामना करना पड़ रहा है। विशेषज्ञ इस बात पर जोर देते हैं कि मजबूत अर्थव्यवस्था के लिए प्रति व्यक्ति आय बढ़ाने, बेरोजगारी कम करने और स्थानीय व्यवसायों को सशक्त बनाने के लिए मजबूत प्रयासों की आवश्यकता होती है। ऐसे उपायों के बिना, राज्य की आर्थिक आकांक्षाएं अधूरी रह सकती हैं।