नई दिल्ली तेल उत्पादन और निर्यात करने वाले देशों के संगठन ओपेक प्लस ने कच्चे तेल के उत्पादन में मार्च 2025 तक चल रही कटौती में बनाए रखने का फैसला किया है। इस कटौती के कारण भारत पर कोई असर नहीं पड़ेगा। वैश्विक मांग में गिरावट और रूस से कच्चे तेल पर छूट के कारण भारत को किसी प्रकार की परेशानी की संभावना नहीं है । ओपेक प्लस देशों ने अपनी बैठक में उत्पादन में स्वैच्छिक कटौती जारी रखने पर सहमति दी है। इसके अनुसार चल रही 22 लाख बैरल प्रतिदिन की कटौती आगामी साल मार्च तक जारी रहेगी। इसके बाद सितंबर 2026 तक यह कटौती धीरे- धीरे घटाकर समाप्त हो जाएगी। अधिकारियों के अनुसार इस कटौती से भारत पर कोई प्रभाव नहीं होगा। उनके अनुसार कटौती जारी रहने के बावजूद 2025 में मांग के मुकाबले 10 लाख बैरल रोजाना ज्यादा उत्पादन होगा। तेल की कीमतों में कमी की उम्मीद है। ओपेक प्लस 13 देशों का संगठन है जिसमें सऊदी अरब, ईरान, इराक, वेनुजुएला सहित अन्य देश शामिल हैं। ओपेक प्लस देशों के पास दुनिया भर के तेल उत्पादन का करीब 44 फीसदी और साबित तेल भंडार का 81.5 फीसदी हाथ में है। इस निर्णय से तेल बाजार में हलचल आ सकती है, लेकिन भारत को इसका सीधा प्रभाव नहीं पड़ेगा। मांग कम होने और गैर ओपेक स्रोतों से उत्पादन बढ़ने से अपेक्षित कीमतों में कमी हो सकती है । इससे तेल उत्पादकों के लिए चुनौतियां तो हो सकती हैं, लेकिन भारत को उन्हें स्वीकारने की तैयारी करनी चाहिए ।