जेल तोड़कर भागने वालों को नहीं ढूंढ पा रही बांग्लादेश पुलिस

ढाका। बांग्लादेश में इस साल जुलाई-अगस्त में छात्र विद्रोह के दौरान जेल से भागने की घटनाओं के बाद से कम से कम 700 कैदी फरार हैं। भागने वालों में इस्लामी आतंकवादी और मौत की सजा पाए कैदी भी शामिल हैं। इस बात की जानकारी अधिकारियों ने दी है। जेल महानिरीक्षक ब्रिगेडियर जनरल सैयद मोहम्मद मोताहिर हुसैन ने कहा कि देश भर में करीब 2,200 कैदियों ने अलग-अलग जेलों को तोड़ा है, उनमें से 700 अभी भी खुले आम घूम रहे हैं। बाकी अपनी सजा काटने के लिए जेलों में लौट आए हैं या उन्हें कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने फिर से गिरफ्तार कर लिया है। उन्होंने कहा कि 700 से अधिक (जेल तोड़ने वालों) में से 70 चरमपंथी और मौत की सजा पाए अपराधी हैं। बता दें कि जुलाई के मध्य में शुरू हुए विवादास्पद नौकरी कोटा सिस्टम को लेकर शेख हसीना की अवामी लीग के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ व्यापक छात्र विरोध प्रदर्शन के परिणाम में पांच बार प्रधानमंत्री बनी शेख हसीना को सत्ता से हटना पड़ा। विगत 05 अगस्त से पहले और उसके बाद बांग्लादेश में अराजकता के माहौल के कारण जेल से भागने की कई घटनाएं हुईं, जिस दिन वह भारत भाग गई थीं। जेल प्रमुख ने कहा कि 11 शीर्ष सूचीबद्ध अपराधियों, गैंगस्टरों और चरमपंथी समूह के नेताओं सहित 174 ज्ञात लोगों ने 5 अगस्त के बाद अदालतों से जमानत हासिल की, हालांकि पुलिस ने कहा कि वे उनके ट्रैक और गतिविधियों पर नजर रख रहे थे। बताया जा रहा है कि बांग्लादेश में फैली हिंसा के दौरान जेल पर हमला करने की कई घटना सामने आईं। इस दौरान दौरान केंद्रीय नरसिंगडी जिले में 19 जुलाई को बाहरी लोगों ने जेल पर हमला किया। जेल प्रहरियों के हथियार लूट लिए और जेल के कुछ हिस्सों में आग लगा दी और रिकॉर्ड और दस्तावेज भी जला दिए । हालांकि, अधिकारियों ने बाद में कहा कि अगस्त में कुल 826 कैदी नरसिंगडी जेल से भाग गए। एक अन्य घटना की जानकारी देते हुए अधिकारियों ने बताया कि दक्षिण-पश्चिमी सतखीरा जेल पर बदमाशों द्वारा बाहर से हमला किए जाने के बाद 596 कैदी भाग गए, लेकिन उनमें से 200 से अधिक स्वेच्छा से घंटों बाद वापस आ गए। ये कैदी कड़ी सजा का सामना करने के बजाय अपनी बाकी सजा काटना पसंद किया ।

जेल तोड़कर भागने वालों को नहीं ढूंढ पा रही बांग्लादेश पुलिस
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