नई दिल्ली। केन्या के राष्ट्रपति विलियम रूटो ने अडानी ग्रुप से जुड़ी दो प्रमुख परियोजनाओं को रद्द करने की घोषणा की। यह कदम अमेरिकी अदालत द्वारा गौतम अडानी, उनके भतीजे सागर अडानी और अन्य अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाने के बाद उठाया गया है। उन पर भारतीय सरकारी अधिकारियों को रिश्वत देकर सोलर एनर्जी कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने का आरोप है। पहला केन्या के मुख्य हवाई अड्डे के विस्तार के लिए खरीद प्रक्रिया थी, जबकि दूसरा पावर ट्रंसमिशन लाइनों के निर्माण के लिए 700 मिलियन डॉलर का ऊर्जा सौदा था, जिस पर पहले ऊर्जा मंत्रालय ने अडानी समूह की सहायक कंपनी के साथ हस्ताक्षर किए थे। बिजनेसमैन गौतम अडानी पर अमेरिकी कोर्ट ने भारत में सोलर कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने के लिए मन मुताबिक शर्तों के बदले भारतीय अधिकारियों को 26.5 करोड़ डॉलर (लगभग 2,200 करोड़ रुपए) की रिश्वत देने का आरोप लगाया है। भारत के दूसरे सबसे अमीर व्यक्ति अडानी तथा उनके भतीजे सागर अडानी सहित सात अन्य पर महंगी सौर ऊर्जा खरीदने के लिए आंध्र प्रदेश और ओडिशा के अधिकारियों को रिश्वत देने का आरोप लगाया गया है। हालांकि, इसमें अधिकारियों के नाम का खुलासा नहीं किया गया है। अडानी समूह ने 2021 में स्थानीय रूप से विनिर्मित सौर सेल और मॉड्यूल आधारित संयंत्रों का उपयोग करके उत्पन्न 8,000 मेगावाट (आठ गीगावाट ) बिजली की आपूर्ति के लिए बोली जीती थी, लेकिन समूह बिजली खरीदने वाली राज्य सरकारों की मूल्य अपेक्षाओं को पूरा नहीं कर सका । अमेरिकी अधिकारियों ने दो अलग-अलग मामलों में अडानी पर रिश्वत देने और प्रतिभूति धोखाधड़ी का आरोप लगाया है। इसमें न्यूयॉर्क की एक अदालत में अमेरिकी न्याय विभाग की तरफ से दायर एक आपराधिक मामला है।