मुकेश अंबानी के नेतृत्व में रिलायंस इंडस्ट्रीज अपने टेलीकॉम व्यवसाय जिओ का आईपीओ लाने की योजना बना रही है, जो 2025 में बाजार में आ सकता है। विश्लेषकों का मानना है कि जिओ का मूल्यांकन 100 बिलियन डॉलर से ज्यादा है। दूसरी ओर रिलायंस रिटेल का आईपीओ 2025 के बाद आने की संभावना है। रिपोर्ट के मुताबिक यह जानकारी कंपनी के फैसले से जुड़े दो सूत्रों ने दी है। 2019 में, अंबानी ने स्पष्ट किया था कि रिलायंस जिओ और रिलायंस रिटेल अगले पांच सालों में सार्वजनिक सूची में लाए जाएंगे, लेकिन इसके बाद इस संदर्भ में कोई नया अपडेट नहीं आया। पिछले कुछ सालों में अंबानी ने केकेआर, जनरल अटलांटिक और अबू धाबी इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी जैसे प्रमुख निवेशकों से डिजिटल टेलीकॉम और रिटेल व्यवसाय में कुल 25 बिलियन डॉलर का निवेश जुटाया है, जिससे दोनों व्यवसायों का मूल्यांकन 100 बिलियन डॉलर से ज्यादा हो गया है। सूत्रों के मुताबिक रिलायंस जिओ का आईपीओ 2025 में लॉन्च किया जाएगा, क्योंकि कंपनी का मानना है कि उसने 479 मिलियन भारत में एलन मस्क की स्टारलिंक इंटरनेट सेवा का मुकाबला करने की तैयारी ग्राहकों के साथ मजबूत कारोबार और नियमित कमाई हासिल की है, जिससे वह भारत का सबसे बड़ा टेलीकॉम प्लेयर बन गया है। वहीं, रिलायंस रिटेल का आईपीओ 2025 के बाद आएगा, क्योंकि कंपनी अपने आंतरिक व्यापार और संचालन संबंधी कुछ मुद्दों को सुलझाना चाहती है। हालांकि, रिलायंस इंडस्ट्रीज ने इस पर कोई टिप्पणी नहीं की है। रिलायंस जिओ भारत में एलन मस्क की स्टारलिंक इंटरनेट सेवा का मुकाबला करने की तैयारी कर रहा है। और इसे गूगल और मेटा का समर्थन भी प्राप्त है। कंपनी ने एनवीडिया के साथ साझेदारी की है, ताकि भारत में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के लिए मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास किया जा सके। सूत्रों के मुताबिक फिलहाल जिओ की वैल्यूएशन को लेकर कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है और न ही आईपीओ के लिए बैंकरों की नियुक्ति की गई है।