साहित्यिक संस्था रोद गोष्ठी का 28 अक्तूबर को हिमालय विवाह भवन में चौथी वर्षगांठ मनाई गई । कार्यक्रम का उद्घाटन रोद गोष्ठी के अध्यक्ष बिमान राय बरुवा ने दीप प्रज्ज्वलित और माजबाघमारा की माताओं द्वारा प्रस्तुत दिहानाम के साथ मंच का शुभारंभ किया गया । कार्यक्रम की शुरुआत में रोद के जनक और रोद पत्रिका और रोद गोष्ठी के संपादक के उस दिन (28 अक्तूबर ) को जन्मदिन हेतु कार्यक्रम में उपस्थित महानुभावों उन्हें जन्मदिन की बधाई दी। कार्यक्रम का संचालन सचिव जयंत बरुवा और कार्यकारी अध्यक्ष तेजेन हजारिका ने किया और बिश्मय पत्रिका के संस्थापक संपादक शशि फुकनदेव के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए एक मिनट का मौन रखा गया और उनकी आत्मा की शांति की कामना की गयी। समारोह में रोद प्रकाशन द्वारा प्रकाशित 28 पुस्तकों का लोकार्पण किया गया। पुस्तक का विमोचन कार्यक्रम का शुभारंभ माजबाघमारा गांव के एक प्रमुख संगठक बाबुल बोरा ने किया, पुस्तक का शीर्षक महापुरुष श्रीमंत शंकरदेव और आज का असमिया समाज था । इसके बाद विशिष्ट कवि साहित्यिक विपुल शर्मा ने पुस्तक विमोचन किया क्रमशः जयश्री शइकीया के स्नेहर आई, नवीन बरठाकुर के प्रबंध सौरभ, अरुणचंद्र बरुवा के पुवति निशार सपोन भारती बरदलै के सरापातर उचुपनि आरती शर्मा के खेउजीया प्रेयसी। रहस्य कवि रंजू हाजरिका ने विमोचन किया, क्रमशः गिरींद्र कलिता के जीवन नोइ चाकनोइया प्राणेश्वर लोमगा के एरी अहा दिनबुर पवित्र वृंदावन डॉक्टर जयंत दास के निर्वाचित गल्प के संफुरा और दिव्य ज्योति दास के जीवन वीणार रागिनी । विशिष्ट अभिनेता ज्योति भुयां ने क्रमशः जयंत बरुवा के जदि मोइए होऊं खेइ दुरंत प्रेमिक, मौसमी चायेंगिया के आयांग, चंदन कलिता का प्रेम शाश्वत और वीणा देवी का बिया और बियानाम पुस्तक का लोकार्पण किया । इसके बाद विशिष्ट साहित्यिक इंद्रप्रसाद सैकिया ने क्रमशः आरती शर्मा के दुपूरिया रोद गिरिजा भट्टाचार्य के कृष्णचुड़ा रंग रेखा बरकटकी के जोन ज्वला जुनाकी प्राणेश्वर लोमगा के सन्धियार जोन और दीपावली बरुवा के निविर संधिक्षन पुस्तक का विमोचन किया। विशिष्ट कवि अनुप कुमार तालुकदार ने क्रमशः तृप्ति रेखा दास का रोमंथन हेमचंद्र बरुवा का गरका चंद्र शेखर पराजुलि का निजके खदाय उचित मूल्ययन करक और जयंत बरुवा के संपादित ग्रंथ रोद्रालोक(तृतीय खंड) तथा रोद के जिलिकनिका भव्यता के साथ विमोचन किया। कार्यक्रम में रहस्य सम्राट रंजू हजारिका को रोद के गद्यरत्न सम्मान – 2024 और विशिष्ट कवि नीलिम कुमार को रोद के काव्यरत्न सम्मान – 2024 प्रदान किया गया। रोद के जीवनभर साधना पुरस्कार लेखिका धनदा कलिता को प्रदान किया गया। रोद साहित्य सौरभ सम्मान पुरस्कार क्रमशः मातु हजारिका, जयश्री सैकिया, कामिनी मोहन, ललित नाथ, अमिलता टाइ मिलि, गिरींद्र कलिता, रुपामणि दत्त हिलैदारी, वीणा देवी और बिभा बिंदु कुंवर को प्रदान किया गया।