नगालैंड के मोन जिले से तोंगलोंग शिलांग। असम में कई दिनों तक चलाए गए एक बड़े उग्रवाद विरोधी अभियान में, असम पुलिस ने कोलकाता की सैन्य खुफिया एजेंसी के साथ समन्वय करके, अल्फा (स्वा.) से जुड़े 10 ओवर ग्राउंड वर्कर्स (ओजीडब्ल्यू) और लिंकमैन को गिरफ्तार किया है। यह ऑपरेशन ऊपरी असम में यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (इंडीपेन्डेंट) या अल्फा (स्वा.) उग्रवादियों की मौजूदगी की विश्वसनीय खुफिया जानकारी के आधार पर 26 से 30 अक्तूबर तक चलाया गया। पुलिस महानिरीक्षक (एनईआर) के नेतृत्व में चलाए गए इस अभियान में चराइदेउ, शिवसागर, डिब्रूगढ़ और तिनसुकिया जिलों में उग्रवादी नेटवर्क को निशाना बनाया गया, जिसके परिणामस्वरूप अल्फा (स्वा.) कमांडरों से जुड़े सात ओजीडब्ल्यू और लिंकमैन गिरफ्तार किए गए। गिरफ्तार व्यक्तियों में तिनसुकिया के जगुन से सोनू सोनार और किरण शर्मा, तिनसुकिया जिले से बाबुल दिहिंगिया कोन्याक, शिवसागर जिले से अशोक अली, अजीत चांगमाई और बोइलन बरुआ शामिल हैं। इससे पहले 25 अक्तूबर 2024 को अलग-अलग इलाकों से तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया था । चराइदेउ जिले के नमटोला इलाके में मिलिट्री इंटेलिजेंस, असम पुलिस और 23 असम राइफल्स/मुख्यालय 73 माउंटेन ब्रिगेड ने प्रेम नेवार नामक एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया, जो अल्फा (स्वा.) कमांडर गणेश लाहोन से कथित तौर पर जुड़ा हुआ एक प्रमुख लिंकमैन था । इसके साथ ही, डिब्रूगढ़ जिले के चबुआ में दूसरी छापेमारी की गई, जिसके परिणामस्वरूप दो अल्फा (स्वा.) के गुर्गों उज्जल गोहाई (उर्फ सॉक्रेटीस), स्वर्गीय हेम चंद्र गोहाई का बेटा और शशांक राजखोवा, केशब राजखोवा का बेटा पकड़ा गया। दोनों की पहचान विद्रोही समूह के प्रमुख ओजीडब्ल्यू के रूप में की गई थी। इन गिरफ्तारियों के साथ पिछले एक सप्ताह में इस अभियान के तहत हिरासत में लिए गए कुल दस व्यक्तियों की संख्या भी शामिल हो गई है। सुरक्षा बलों ने इन व्यक्तियों की पहचान अल्फा (स्वा.) कमांडरों स्वयंभू मेजर जनरल अरुणोदय दहोतिया और स्वयंभू ब्रिगेडियर गणेश लाहोन द्वारा संचालित विद्रोही गतिविधियों में प्रमुख मददगार के रूप में की है। सूत्रों ने बताया कि संयुक्त अभियान जारी है, क्योंकि सुरक्षा बलों का लक्ष्य क्षेत्र में अल्फा (स्वा.) से जुड़े शेष पूरे नेटवर्क को खत्म करना है। चल रहे इस ऑपरेशन को महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि सुरक्षा एजेंसियां 2025 के गणतंत्र दिवस के दौरान आईईडी हमलों के खतरों का मुकाबला करने और असम में स्थिरता सुनिश्चित करने पर ध्यान दे रही हैं।