जोधपुर (हिंस)। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि आईआईटी जोधपुर जैसे संस्थान ऐसे मस्तिष्कों का पोषण कर रहे हैं जो आने वाले वर्षों में भारत की प्रगति को आगे बढ़ाएंगे । ऐसे प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को स्नातक होते देखना सौभाग्य की बात है, जो निस्संदेह विभिन्न क्षेत्रों में प्रभावशाली योगदान देंगे। वे शनिवार को यहां आईआईटी जोधपुर के दसवें दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रह थे । कार्यक्रम के दौरान 1084 स्नातकों को डिग्री व मेडलों का वितरण किया गया। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ सहित केंद्रीय पर्यटन और संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और इंडिया फाउंडेशन के अध्यक्ष डॉ. राम माधव भी इस दौरान मौजूद रहे। उपराष्ट्रपति ने कार्यक्रम में ज्ञान और प्रोत्साहन के शब्दों के साथ विद्यार्थियों को संबोधित किया। उन्होंने गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के महत्व पर जोर दिया। डॉ. राम माधव ने भविष्य को आकार देने में प्रौद्योगिकी और नवाचार की भूमिका पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने स्नातकों को पारंपरिक सीमाओं से परे रास्ते तलाशने के लिए प्रोत्साहित किया और अपनी आईआईटी शिक्षा के वैश्विक महत्व को दोहराया। केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने भविष्य के नेताओं के रूप में स्नातकों की जिम्मेदारियों पर जोर दिया और उनसे समाज और राष्ट्र के विकास में सकारात्मक योगदान देने का आग्रह किया। आईआईटी के निदेशक प्रो. अविनाश कुमार अग्रवाल ने संस्थान की पिछले दस वर्षों की यात्रा पर प्रकाश डालते हुए एक व्यापक रिपोर्ट प्रस्तुत की। प्रो. अग्रवाल ने कहा कि यह संस्थान न केवल विकसित हुआ है बल्कि स्वयं को ज्ञान और शोध के एक केंद्र के रूप में ढाला है। समारोह की अध्यक्षता बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के अध्यक्ष व पूर्व इसरो प्रमुख डॉ. एएस किरण कुमार ने की। समारोह में शैक्षणिक रूप से उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले असाधारण छात्रों को सम्मानित किया गया। उल्लेखनीय रूप से यांत्रिक अभियांत्रिकी के छात्र रुशिल समीर पटेल को बीटेक छात्रों के बीच उनके उत्कृष्ट शैक्षणिक प्रदर्शन के लिए राष्ट्रपति स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया। अन्य प्रतिष्ठित पुरस्कारों में सर्वांगीण प्रदर्शन के लिए अध्यक्ष का स्वर्ण पदक शामिल था, जो विद्युत अभियांत्रिकी के मितार्थ अरोड़ा को दिया गया और निदेशक का स्वर्ण पदक, शिवाली केतन शाह को दिया गया जो महिला बीटेक छात्रों के बीच उत्कृष्टता को मान्यता देता है। पदक प्राप्त करने वालों में सामग्री अभियांत्रिकी से दीपिका सक्सेना शामिल थीं, जिन्हें एमटेक छात्रों के बीच उनकी अकादमिक उत्कृष्टता के लिए जगदीश चंद्र बोस स्वर्ण पदक मिला और अनूप कुमार मौर्य को यांत्रिक अभियांत्रिकी में उनके अनुकरणीय पीएचडी शोध कार्य के लिए सीवी रमन स्वर्ण पदक मिला। समारोह में आईआईटी जोधपुर ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, जैवअभियांत्रिकी, रसायन अभियांत्रिकी, सिविल अभियांत्रिकी, कंप्यूटर विज्ञान एवं अभियांत्रिकी, विद्युत अभियांत्रिकी, यांत्रिक अभियांत्रिकी और धातुकर्म अभियांत्रिकी में विशेषज्ञता के साथ 425 बीटेक स्नातकों को डिग्री प्रदान की गई। कार्यक्रम में कुल 1084 स्नातकों को डिग्री प्रदान की गई ।