गुवाहाटी । असम सरकार को 2021 के गोरुखुटी बेदखली अभियान पर एक व्यापक रिपोर्ट मिली है, जिसमें दो लोगों की जान चली गई और हजारों लोग विस्थापित हो गए। एक सदस्यीय जांच आयोग का नेतृत्व करने वाले सेवानिवृत्त उच्च न्यायालय के न्यायाधीश बीडी अग्रवाल मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा को 319 पन्नों का दस्तावेज सौंपा। 55 ज्ञापनों और 44 गवाहों की गवाही पर आधारित रिपोर्ट के निष्कर्षो ने उस विवादास्पद अभियान पर प्रकाश डाला, जिसमें 1,400 घर ध्वस्त हो गए और 7,000 से ज़्यादा लोग बेघर हो गए। अपनी 16 प्रमुख सिफारिशों में, आयोग ने असम भूमि और राजस्व विनियमन में कमियों को दूर करने की तत्काल आवश्यकता पर जोर दिया। रिपोर्ट में बेदखली के दौरान बल प्रयोग की आलोचना की गई है और मौजूदा नियमों में संबंधित धाराओं की फिर से जांच करने की मांग की गई है। इसमें स्वैच्छिक पुनर्वास के लिए पर्याप्त नोटिस अवधि प्रदान करने की भी वकालत की गई है, जिससे ऐसे ऑपरेशनों के दौरान संघर्षो को कम से कम किया जा सके। सितंबर 2021 में तीन दिनों तक चली गोरुखुटी बेदखली ने भूमि अधिकारों और असम में हाशिए पर पड़े समुदायों के साथ व्यवहार के बारे में व्यापक बहस छेड़ दी। इसके बाद, राज्य सरकार ने साफ किए गए क्षेत्र में एक कृषि परियोजना शुरू की।