बांध की क्षमता 10-12 गीगावॉट (जीडब्ल्यू) पनबिजली की होगी

नई दिल्ली। अरुणाचल प्रदेश से लगा हुए चीन के इलाके में चीन की बड़ी जल परियोजना को देखते हुए केंद्र ने ऊपरी सियांग घाटी में विशालकाय बांध बनाने के काम को तेजी से शुरू कर दिया है। यह देश का सबसे बड़ा बांध होगा। वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने हाल में सियांग ऊपरी घाटी बांध की शुरुआती परियोजना प्रबंधन के उद्देश्य से वित्तीय मदद देने की घोषणा की थी। इस प्रस्तावित परियोजना के तीन एजेंडे हैं – बाढ़ प्रबंधन, जल प्रवाह को दुरुस्त करना और बिजली पैदा करना। सरकार की पनबिजली की प्रमुख कंपनी एनएचपीसी को विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) और परियोजना व्यवहार्यता रिपोर्ट (एफपीआर) विकसित करने की जिम्मेदारी दी गई है। अधिकारियों के अनुसार इस बांध की क्षमता 10-12 गीगावॉट (जीडब्ल्यू) पनबिजली की होगी और यह भारत का सबसे बड़ी पनबिजली परियोजना होगी। इस परियोजना की लागत 1 लाख करोड़ रुपये होगी। एनएचपीसी के अधिकारियों ने बताया कि इस बारे में विभिन्न सरकारी मंत्रालयों जैसे ऊर्जा, जल शक्ति और अरुणाचल प्रदेश से विचार-विमर्श हुआ था। हाल में केंद्र के राशि जारी करने से इस परियोजना को गति मिली है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस साल अगस्त में पूर्वोत्तर के राज्यों में 15 जीडब्ल्यू की पनबिजली परियोजना के लिए 4,136 करोड़ रुपये मंजूर किए थे। मंत्रिमंडल ने बीते महीने आगामी जल परियोजनाओं के लिए ‘सक्षम बुनियादी ढांचा’ और पंप्ड स्टोरेज परियोजना (पीएसपी) के लिए 12,461 करोड़ रुपये मंजूर किए थे। अधिकारियों ने संकेत दिया कि इन दो निगमों से कोष सियांग घाटी परियोजना के पीएफआर के लिए इस्तेमाल किए जाएंगे और स्थानीय लोगों को जागरूक किया जाएगा। एनएचपीसी के प्रवक्ता को ईमेल प्रश्नावली भेजी गई थी लेकिन खबर लिखे जाने तक उसका जवाब नहीं मिला था।

बांध की क्षमता 10-12 गीगावॉट (जीडब्ल्यू) पनबिजली की होगी
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