जयपुर ( हिंस) । जयपुर स्थापना दिवस समारोह का शुक्रवार को शुभारम्भ किया गया। सबसे पहले प्रथम पूज्य गणपति की पूजा अर्चना की गई। 1994 में तत्कालीन मंत्री भंवरलाल शर्मा ने जयपुर स्थापना दिवस समारोह मनाने की परिपाटी शुरू की थी जो कि अनवरत जारी है । इस बार यह आयोजन दो महीने तक चलेगा। पहले हेरिटेज निगम और फिर ग्रेटर नगर निगम एक महीने तक आयोजन करेगा। महापौर कुसुम यादव ने कहा कि इससे सभी कलाकारों को मौका मिलेगा। कांग्रेस ने तो षड्यंत्र के तहत जातिगत राजनीति करने के लिए दो निगम किए थे, लेकिन वो शहर के दो टुकड़े नहीं होने देंगे। मोती डूंगरी गणेश मंदिर में प्रथम पूज्य भगवान गणपति को आमंत्रण देकर शुक्रवार को जयपुर स्थापना दिवस समारोह की शुरुआत हुई। उसके बाद महापौर ने गंगापोल गेट पर विराजमान भगवान गणेश की आराधना की और फिर गोविंद देव जी मंदिर में भगवान को समारोह का स्मृति चिह्न देकर कथक नृत्य का आयोजन किया गया। हालांकि जब से जयपुर में दो निगम बने हैं, दोनों महापौर 18 नवंबर को यहां पूजा करती आई हैं, लेकिन इस बा अलग-अलग आयोजन को लेकर महापौर कुसुम यादव ने बताया कि जिस तरह से किसी के भी जन्मदिन पर एक सप्ताह या एक पखवाड़े तक आयोजन होता है। उसी तरह जयपुर समारोह एक महीने पहले शुरू किया जाता है। हालांकि, बीते कुछ सालों में 18 नवंबर से 18 दिसंबर तक आयोजन किए गए, लेकिन इस बार 18 अक्तूबर से ही इसकी शुरुआत कर दी गई है और 18 नवंबर को लड्ड का केक काटकर जयपुर की स्थापना दिवस समारोह संपन्न किया जाएगा। महापौर ने कहा कि कई बार जानकारी के अभाव में ये पता नहीं होता की स्थापना दिवस समारोह कब मनाया जाना चाहिए। पहले हेरिटेज निगम 18 नवंबर तक आयोजन कर रहा है। उसके बाद ग्रेटर निगम एक महीने आयोजन करेगा। इस पर कई सवाल भी उठ रहे हैं, इसका जवाब देते हुए कुसुम यादव ने कहा कि दोनों निगम एक है। यहां कलाकार बहुत अधिक हैं, यहां दो महीने तक आयोजन होंगे तो कोई भी कलाकार इस कार्यक्रम से वंचित नहीं रहेगा और सभी को मौका मिलेगा। शाम को हेरिटेज वॉक का आयोजन किया जाएगा। इसके तहत बड़ी चौपड़ पर चारों कोनों पर महाआरती की गई। हेरिटेज वॉक शाही लवाजमे के साथ चांदपोल हनुमान मंदिर से शुरू होकर हवा महल तक गई। इसमें सभी पारंपरिक परिधान में नजर आए। महापौर कुसुम यादव ने कहा कि जब महाराजा सवाई जय सिंह ने जयपुर की स्थापना की थी उसी समय से जयपुर एक था। ये सिर्फ कांग्रेस का षड्यंत्र था कि जयपुर को दो हिस्सों में बांटा जाए, ताकि जातिगत राजनीति की जा सके। अब भारतीय जनता पार्टी सभी को साथ लेकर चलने वाली पार्टी है। जयपुर में प्राण बसते हैं, इसलिए जयपुर को किसी भी हालत में अलग नहीं होने देंगे और ना ही अब टुकड़े होने देंगे। महापौर कुसुम यादव ने बताया कि वहीं 21 अक्तूबर को शहरवासियों को समारोह के अंतर्गत जल महल की पाल पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों की झलक देखने को मिलेगी।