गुवाहाटी (हि.स.)। केंद्रीय | सरकार द्वारा असमिया को शास्त्रीय भाषा के रूप में मान्यता दिए जाने को लेकर राज्य में भारी उत्साह | देखा जा रहा है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने असमिया समेत पांच भाषाओं को शास्त्रीय भाषा के रूप में मान्यता प्रदान की है। केंद्र सरकार के इस फैसले को लेकर राज्य के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत विश्व शर्मा, केंद्रीय मंत्री सर्वानंद सोनोवाल, केंद्रीय राज्य मंत्री पवित्र मार्घेरिटा ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का आभार जताया है। मुख्यमंत्री डॉ. शर्मा ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर करते हुए कहा कि प्राणों से प्यारी असमिया भाषा को शास्त्री भाषा का दर्जा मिलना मन को खुशी से भर देता है। शायद आप सभी भी उसी भावना से धन्य हैं। असम के लोगों की ओर से, मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ-साथ केंद्र सरकार को असमिया भाषा को शास्त्रीय भाषा का दर्जा देने के लिए आभार व्यक्त करना चाहता हूं। इस स्थिति ने हमारी प्राचीन भाषा को एक सौंदर्य आभूषण बना दिया है। इस ऐतिहासिक निर्णय से हम अपनी प्यारी मातृभाषा को विश्व पटल तक ले जा सकेंगे। भाषा के संरक्षण के लिए निश्चित रूप से हम और अधिक जिम्मेदार होंगे। ये सम्मान उस समाज के लिए है जो हमारी विविधता में एकजुट है; ये सम्मान असम के महापुरुषों, विचारकों, साहित्यकारों, दार्शनिकों, ज्ञान के संतों और जीवन के सभी क्षेत्रों के लोगों के लिए है। असमिया भाषा और संस्कृति को बचाने के लिए, पीढ़ी-दर-पीढ़ी उन्होंने सैकड़ों-हजारों बलिदान दिए हैं। वास्तव में आज मेरे जीवन के सबसे खुशी के दिनों में से एक है। उन्होंने कहा है कि मुझे यह जानकर खुशी हुई कि असमिया के साथ-साथ बंगाली को भी शास्त्रीय भाषा के रूप में मान्यता दी गई है। वर्षों से, दुनिया भर में करोड़ों लोगों द्वारा बोली जाने वाली बंगाली भाषा ने कई हस्तियों को प्रेरित किया है और भारत के इतिहास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। असम में कई लोगों द्वारा बोली जाने वाली भाषा के रूप में, एक ही दिन असमिया और बंगाली दोनों को शास्त्रीय भाषाओं के रूप में मान्यता मिलना हमारे लिए दोहरी खुशी की बात है। इस महत्वपूर्ण अवसर पर सभी बंगालियों को मेरी शुभकामनाएं। केंद्रीय मंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने असमिया भाषा को शास्त्रीय भाषा के रूप में मान्यता दिए जाने पर प्रसन्नता व्यक्त की। सोनोवाल ने कहा कि हर असमिया के लिए एक ऐतिहासिक क्षण ! केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सैकड़ों वर्षों की विरासत से भरी अद्वितीय असमिया भाषा को शास्त्रीय भाषा का दर्जा देने को मंजूरी दे दी। केंद्रीय राज्य मंत्री पबित्र मार्घेरिटा ने कहा है कि प्रत्येक असमिया को बधाई और प्रधानमंत्री मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत विश्व शर्मा, असम प्रकाशन परिषद और प्रत्येक जाति अनुष्ठान के प्रति आभार व्यक्त करता हूं । मातृभाषा हजारों वर्षों से शक्तिशाली और सदाबहार रही है और उन पूर्वजों की सेवा करती है जिन्होंने इसे वर्तमान स्तर पर लाया है। राज्य सरकार की सत्ता में साझीदार असम गण परिषद (अगप) ने केंद्रीय कैबिनेट के इस निर्णय के लिए प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री समेत सभी उन लोगों का आभार जताया है जिन्होंने असमिया भाषा को शास्त्रीय भाषा के रूप में मान्यता देने के लिए अपना प्रयास किया है। इस बीच असम जातीय परिषद (अजाप) के अध्यक्ष लुरिनज्योति गोगोई और महासचिव जगदीश भुइंया ने भी सरकार के इस निर्णय का स्वागत करते हुए कहा है कि असम साहित्य सभा समेत राज्य के सभी बौद्धिक समाज द्वारा असमिया भाषा को शास्त्रीय भाषा के रूप में दर्जा देने की मांग करते हुए आ रहे थे जो अब पूरा हो गया है। असम साहित्य सभा के अध्यक्ष डॉ. सूर्य कांत हजारिका, पूर्व अध्यक्ष डॉ. कुलधर सैकिया, उपाध्यक्ष डॉ. गिरीश हैंडिक ने भी केंद्र सरकार के इस कदम को ऐतिहासिक करार दिया है।