नई दिल्ली। विश्व प्रसिद्ध तिरुपति बालाजी मंदिर के लड्ड विवाद पर आंध्र प्रदेश समेत पूरे देश में सियासी घमासान मचा है। दक्षिण भारतीय फिल्मों के दो दिग्गज प्रकाश राज और अभिनेता से राजनेता बने पवन कल्याण भी इस मुद्दे पर आमने-सामने हो चुके हैं। मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच चुका है। तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) के पूर्व अध्यक्ष वाईवी सुब्बा रेड्डी ने एक स्वतंत्र समिति से जांच की मांग भी की। मगर इस विवाद का श्रद्धालुओं पर खास असर नहीं दिख रहा है। उनका कहना है कि लड्डू विवाद अब बीती बात हो गई है। तिरुपति मंदिर में की बिक्री पहले की तरह जारी है। मंदिर में रोजाना औसतन 3.50 लाख लड्ड की बिक्री होती है। चार दिनों में 14 लाख से अधिक लड्डू बिक चुके हैं। आंध्र प्रदेश स्थित विश्व प्रसिद्ध तिरुपति बालाजी मंदिर में रोजाना देश-दुनिया से हजारों श्रद्धालु भगवान वेंकटेश के दर्शन को आते हैं। यहां के प्रसादम का अपना धार्मिक महत्व है। भक्त अक्सर यहां से प्रसाद खरीद कर अपने साथ ले जाते हैं। लड्डु को बादाम, किशमिश, काजू, बंगाली चना, चीनी और गाय के घी से तैयार किया जाता है। तिरुपति बालाजी मंदिर के लड्डू में पशु चर्बी होने का आरोप आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने लगौया था। उन्होंने पिछली वाईएसआरसीपी सरकार पर निशाना भी साधा था। प्रदेश सरकार ने मामले की जांच कराई और लैब रिपोर्ट में भी इसकी पुष्टि होने की बात कही। चंद्रबाबू नायडू ने आरोप लगाया था कि पूर्व सीएम जगन मोहन रेड्डी ने लड्ड में घटिया सामग्री और पशु वसा के इस्तेमाल की इजाजत दी थी। उन्होंने आगे यह भी कहा कि अब शुद्ध घी का इस्तेमाल किया जा रहा है। हालांकि जगन मोहन रेड्डी ने नायडू पर राजनीति करने का आरोप लगाया ।