पूर्वी चंपारण, (हि.स.) । पीपराकोठी केवीके के रवे कार्यक्रम के समापन पर उघान विभाग के सौजन्य से जिलास्तरीय दो दिवसीय कृषक कर्मशाला का आयोजन किया गया। जिसमे एग्रीकल्चर कॉलेज के छात्र- ओं ने विभिन्न गांवो से संग्रह किये गये भौगोलिक घटकों व दशाओं अनुसंधानात्मक रिपोर्ट प्रस्तुत किया। उल्लेखनीय है कि रवे कार्यक्रम के तहत करीब एक माह तक छात्राओ ने विभिन्न गांवो का भौगौलिक अनुसंधान व अन्वेषण किया था। कार्यक्रम में के दौरान छात्राओं ने गांव के नक्शे का रंगोली तैयार किया। जिसे किसानों ने काफी पसंद किया। कार्यक्रम का आयोजन समृद्ध किसान राजेश कुमार के आधुनिक तकनीक से पपीता, लेमनग्रास व उद्यानिक उन्नत प्रभेदों की खेती के आलोक में किया गया। कार्यक्रम में किसानों को स्थान -पूर्व कीट प्रबंधन के बारे में भी बताया गया। कार्यक्रम का संचालन केवीके के मनीष कुमार ने किया। इस मौके पर किसान कृषि वैज्ञानिक संवाद भी हुआ। जिसमें किसानों को खेती की आधुनिक तकनीक की जानकारी दी गई। कार्यक्रम में उपस्थित केवीके प्रमुख डॉ अरविंद कुमार सिंह सहित अन्य कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को बताया कि किसानों की आय बढ़ाने का सबसे प्रभावी जरिया फलों व सब्जियों की संरक्षित खेती है। संरक्षित खेती लंबे समय तक फायदा देती है। वही जिला कृषि पदाधिकारी मनीष कुमार, जिला उद्यान पदाधिकारी विकास कुमार ने सरकार की विभिन्न योजनाओं के बारे में बताया। वैज्ञानिक डॉ चानू, डॉ आरबी शर्मा, अर्णव कुमार ने किसानों को तकनीकपूर्ण खेती के बारे में बताया।