गुवाहाटी । गुवाहाटी पुलिस ने स्वतंत्रता दिवस पर शहर भर में विस्फोटक लगाने से जुड़े तीन व्यक्तियों को हिरासत में लिया है। संदिग्धों को आज शिवसागर और मोरनहाट में समन्वित अभियान के दौरान हिरासत में लिया गया। पुलिस सूत्रों के अनुसार, हिरासत में लिए गए संदिग्धों के नाम गुवाहाटी में चार प्रमुख स्थानों पर बमों की बरामदगी की जांच के दौरान सामने आए। विस्फोटक उपकरण कथित तौर पर प्रतिबंधित उग्रवादी समूह यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (इंडिपेंडेंट ) [अल्फा (आई)] द्वारा रखे गए थे, जिसने योजनाबद्ध हमलों की जिम्मेदारी ली थी । हिरासत में लिए गए लोगों से वर्तमान में गहन पूछताछ चल रही है, क्योंकि अधिकारी साजिश की पूरी हद तक पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं। गुवाहाटी के सभी स्थानों पान बाजार, गांधीबस्ती, सतगांव और लास्ट गेट में विस्फोटकों की खतरनाक खोज ने सुरक्षा चिंताओं को बढ़ा दिया है। एक खुलासा करने वाले संचार में, अल्फा (आई) ने स्वतंत्रता दिवस पर असम भर में बम विस्फोटों की एक श्रृंखला की योजना बनाने की बात स्वीकार की, लेकिन दावा किया कि तकनीकी मुद्दों ने विस्फोटकों को विस्फोट करने से रोक दिया था। इसके बाद, समूह ने 25 विस्फोटक उपकरणों के निर्देशांक प्रदान किए, जिससे छिपे हुए बमों को बरामद करने के लिए कानून प्रवर्तन द्वारा तत्काल खोज अभियान शुरू हो गया । असम के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह ने खुलासा किया कि राज्य पुलिस ने जांच में काफी प्रगति की है। मामले की गंभीरता पर प्रकाश डालते हुए डीजीपी सिंह ने घोषणा की कि 15 अगस्त की घटना के संबंध में दर्ज दस मामलों में से दो को आगे की जांच के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंप दिया जाएगा। सिंह ने कहा कि हमने केंद्र सरकार से इन मामलों को एनआईए को सौंपने में तेजी लाने का अनुरोध किया है। डीजीपी सिंह ने यह भी पुष्टि की कि शिवसागर में चार व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें से एक को बम लगाने के ऑपरेशन में मुख्य भूमिका निभाने वाला माना जाता है। उन्होंने आगे की जानकारी न देकर जांच की अखंडता को बनाए रखते हुए अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाने के लिए राज्य की प्रतिबद्धता पर जोर दिया। डीजीपी ने असम में कानून और व्यवस्था को बनाए रखने के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि हाल की घटनाएं राज्य के विकास को कमजोर करने का एक जानबूझकर किया गया प्रयास प्रतीत होता है। सिंह ने कहा कि हालांकि मैं आम तौर पर राजनीतिक टिप्पणी से बचता हूं, लेकिन यह जरूरी है कि हम ऐसे खतरों का मुकाबला करने के लिए सख्त कानून और व्यवस्था लागू करें। इससे भविष्य में हमलों को रोकने और क्षेत्र की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सरकार का दृढ़ संकल्प झलकता है।