गुवाहाटी । असम के गुवाहाटी में पुलिस ने एक बैंक खाता घोटाले (म्यूल अकाउंट) का पर्दाफाश करते हुए चार प्रमुख आरोपियों को गिरफ्तार किया और महीनों से चल रहे साइबर अपराधियों के कार्यप्रणाली का पर्दाफाश किया। पुलिस आयुक्त दिगंत बराह ने बताया कि गुवाहाटी के साइबर पुलिस स्टेशन में दर्ज यह मामला धोखेबाजों के एक परिष्कृत नेटवर्क के इर्द-गिर्द घूमता है, जो भोले-भाले लोगों को निशाना बनाते हैं, जिनमें से ज्यादातर निम्न आर्थिक तबके से आते हैं। जांच के दौरान पुलिस को कथित साइबर अपराधियों के एक गिरोह का पता चला, जो भोले-भाले लोगों को एकमुश्त राशि जमा कराने का वादा करके उनके बैंक खातों से पैसे निकाल लेते थे। आरोपी अन्वेष चंद्रा, बबलू दास, चिन्मय चक्रवर्ती और अविनाश महतो ने खातों को संचालित करने के लिए फर्जी नाम और मोबाइल नंबर का इस्तेमाल किया और मूल खाताधारकों को धोखा दिया। पुलिस ने कहा कि जांच के दौरान उन्हें काफी मात्रा में अपराध सिद्ध करने वाले साक्ष्य मिले हैं। बरामद वस्तुओं में 44 चेकबुक, 12 बैंक पासबुक, 49 डेबिट / एटीएम कार्ड, संयुक्त अरब अमीरात और थाईलैंड की विदेशी मुद्रा और सात फोनपे यूपीआई स्कैनर शामिल हैं। पुलिस ने आगे बताया कि इनके साथ ही उन्होंने 17 सिम कार्ड, लेन-देन विवरण वाली तीन कार्मिक डायरियां, एक अंतर्राष्ट्रीय ड्राइविंग परमिट, सात मोबाइल हैंडसेट, एक पासपोर्ट और एक कार भी जब्त की। कमिश्नर ने कहा कि पासपोर्ट और कार (मारुति सुजुकी ऑल्टो) अवनेश चंद्रा की थी। यह जांच गुवाहाटी निवासी राहित अली नामक पीड़ित की शिकायत के आधार पर शुरू की गई थी। बाद में आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया और उनसे पूछताछ चल रही है। घोटालों के बारे में बोलते हुए पुलिस आयुक्त ने लोगों को अन्य प्रकार के साइबर अपराध के प्रति भी सचेत रहने को कहा। उन्होंने आम जनता से अपील की कि वे किसी भी संदिग्ध धोखाधड़ी के प्रति सचेत रहें तथा इसकी सूचना शीघ्र पुलिस को दें । उन्होंने कहा कि पिछले एक साल में साइबर अपराधियों ने गुवाहाटी में विभिन्न लोगों से 35 करोड़ रुपए से अधिक की ठगी की है। उन्होंने यह भी बताया कि चोरी हुई धनराशि में से अब तक केवल 2.5 रुपए ही बरामद हो पाए हैं।