नई दिल्ली। शेयर बाजार में लिस्टेड सरकारी कंपनियों के स्टॉक में डिविडेंड, बोनस शेयर और शेयर बायबैक से जुड़े नियमों में सरकार संशोधन करने जा रही है। दरअसल इस मामले में सरकार 2016 के दिशानिर्देशों में संशोधन करने पर काम कर रही है। अधिकारियों ने कहा है कि इस महीने वित्त मंत्रालय द्वारा रिवाइज्ड गाइडलाइंस जारी किए जाने की उम्मीद है। वित्त मंत्रालय ने मई 2016 में सीपीएसई में सरकारी निवेश के कुशल प्रबंधन के लिए केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों के पूंजी पुनर्गठन पर डिटेल्ड गाइडलाइंस जारी की थी। एक अधिकारी ने बताया कि सीपीएसई अब बहीखाते के मामले में ज्यादा मजबूत हैं और उनके मार्केट कैपिटलाइजेशन में सुधार हुआ है इसलिए अब पूंजी पुनर्गठन दिशानिर्देशों पर फिर से विचार करने का समय आ गया है। जारी किए गए पूंजी पुनर्गठन दिशानिर्देशों के अनुसार जिन सीपीएसई के पास व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए अपनी पूंजी को अनुकूलतम रूप से निवेश करने की योजना नहीं है, उन्हें अधिशेष निधियों पर पेशेवर रूप से विचार करना चाहिए। निवेश एवं सार्वजनिक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग के मई 2016 में जारी दिशानिर्देशों के अनुसार प्रत्येक सीपीएसई को मुनाफे का 30 प्रतिशत या कुल परिसंपत्ति का 5 प्रतिशत न्यूनतम एनुअल डिविडेंड देना आवश्यक है। इसके साथ ही कम से कम 2,000 करोड़ रुपये की कुल परिसंपत्ति और 1,000 करोड़ रुपये से अधिक की नकदी और बैंक जमा वाले प्रत्येक सीपीएसई को शेयर पुनर्खरीद का विकल्प चुनना जरूरी है।