गुवाहाटी । असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने आज बाढ़ राहत वितरण में बड़े बदलाव की घोषणा की, और बाढ़ प्रभावित निवासियों की सहायता के लिए प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) कार्यक्रम शुरू किया। यह घोषणा जिला आयुक्तों के साथ एक वर्चुअल बैठक के दौरान की गई, जहां शर्मा ने पीड़ितों के बैंक खातों में सीधे राहत राशि जमा करने की योजना की रूपरेखा प्रस्तुत की । यह कदम राज्य में हर साल आने वाली बाढ़ से जूझने के मद्देनजर उठाया गया है। गृह मंत्रालय के हालिया आंकड़ों से एक कठोर सच्चाई सामने आई है: 2019 से जुलाई 2024 के बीच असम में बाढ़ से संबंधित 880 मौतें हुई हैं। मौतों की संख्या में हर साल उतार-चढ़ाव होता रहा है, 2022 में सबसे ज्यादा 278 मौतें हुई हैं। इन चुनौतियों से निपटने के लिए केंद्र सरकार ने अपना समर्थन बढ़ा दिया है। असम को 2019 से 2022 तक राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष के माध्यम से 503.10 करोड़ रुपए मिले। इस आवंटन में उल्लेखनीय वृद्धि हुई, जो 2023 और 2024 के लिए संयुक्त रूप से 680.80 करोड़ रुपए तक पहुंच गई। डीबीटी पहल का उद्देश्य सहायता वितरण को सुव्यवस्थित करना है, जिससे राहत प्रक्रिया में देरी और अक्षमता को कम किया जा सके। मुख्यमंत्री शर्मा ने इस बात पर जोर दिया कि इस दृष्टिकोण से बाढ़ से प्रभावित लोगों को तेज और अधिक प्रत्यक्ष सहायता सुनिश्चित होगी ।