भारतीय निशानेबाज अवनि लेखरा पैरालंपिक खेलों की मिश्रित 10 मीटर एयर राइफल प्रोन (एसएच 1 ) स्पर्धा में रविवार को यहां 11वें जबकि सिद्धार्थ बाबू 28वें स्थान पर रहे और इस तरह से फाइनल के लिए क्वालिफाई नहीं कर पाए । अवनि 10 मीटर एयर राइफल स्टैंडिंग एसएच 1 में ऐतिहासिक स्वर्ण पदक जीतने के अपने प्रदर्शन को नहीं दोहरा पाई और अच्छी शुरुआत के बावजूद 628.8 अंक के कुल स्कोर के साथ फाइनल में जगह बनाने में नाकाम रही। सिद्धार्थ ने 628.3 का स्कोर किया। अवनि के छह सीरीज में अंकों का क्रम 105.7, 106.0, 104.1, 106.0, 104.8, 106.2, जबकि सिद्धार्थ का स्कोर 104.6, 103.8, 105.7, 104.9, 103.6, 105.7 रहा। अवनि ने शुक्रवार को महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल (एसएच1) स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता था। वह लगातार दो पैरालंपिक में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बनी थीं। उन्होंने विश्व रिकॉर्ड के साथ अपने खिताब का बचाव किया था। एसएच1 में खिलाड़ी बिना किसी मुश्किल के बंदूक पकड़ सकते हैं तथा खड़े होकर या बैठकर निशाना लगा सकते हैं । अवनि ने टोक्यो पैरालंपिक में स्वर्ण जीतने के बाद पेरिस पैरालंपिक में महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल स्पर्धा में स्वर्ण जीता था। उन्होंने फाइनल में 249.7 के रिकॉर्ड स्कोर के साथ जीत हासिल की, जबकि हमवतन मोना अग्रवाल ने कांस्य पदक जीता था। आत्मविश्वास से भरी अवनि लेखरा ने शुक्रवार को पैरालंपिक में लगातार दूसरा स्वर्ण पदक जीतने की अपनी उपलब्धि को स्वीकार करते हुए कहा कि इसने भारत में महिला खिलाड़ियों के लिए बैरियर तोड़ दिया है । जब पत्रकारों ने अवनि से पूछा कि दो पैरालंपिक स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला एथलीट बनकर उन्हें कैसा महसूस हो रहा है तो उन्होंने कहा, मैंने कभी नहीं सोचा था। मैं बस दिन में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के बारे में सोच रही थी। मुझे खुशी है कि मैं अपने देश के लिए स्वर्ण पदक जीतने में सफल रही। इसने देश की अन्य महिलाओं के लिए ‘बैरियर’ तोड़ दिया। वे अब सोच सकती हैं कि ‘भारत में महिलायें भी स्वर्ण जीत सकती हैं’। मैं आभारी हूं कि मैं ऐसा करने वाली पहली महिला हूं। अवनि ने कहा कि उन्होंने अपना ध्यान पहले ही अगली स्पर्धा ( महिलाओं की 50 मीटर राइफल 3 पोजीशन एस 1 और मिश्रित 10 मीटर एयर राइफल प्रोन एसएच1) पर केंद्रित कर लिया है। उनके लिए इस साल की शुरुआत में एक सर्जरी की चुनौती से पार पाना चुनौतीपूर्ण रहा। अवनि ने पित्ताशय की सर्जरी के बारे में बात करते हुए कहा, मार्च में मेरी सर्जरी हुई थी और मैं रेंज से बाहर थी, मैं अभ्यास नहीं कर रही थी । मानसिक रूप इसने मुझे परेशान किया क्योंकि मैं पैरालंपिक से कुछ महीने पहले ट्रेनिंग नहीं ले रही थी । अभी मुझे और स्पर्धायें खेलनी हैं और मैं सभी में अपना सर्वश्रेष्ठ देना चाहती हूं, देखते हैं क्या होता है।