देश छोड़ने के लिए अफगानों से दो लाख रुपए वसूल रहा पाकिस्तान
इस्लामाबाद। पाकिस्तान अफगान शरणार्थियों को देश से बाहर निकलने के लिए 2 लाख रुपए (830 डॉलर) निकासी फीस लगा रहा है। पाक के इस फैसले पर दुनिया उसकी थू-थू कर रही है। कई पश्चिमी देशों के राजनयिकों और संयुक्त राष्ट्र ने पाक की कड़ी आलोचना की और इस फैसले को चौंकाने वाला और निराशाजनक बताया है। संयुक्त राष्ट्र की दो एजेंसियों - संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी (एनएचसीआर) और अंतर्राष्ट्रीय प्रवासन संगठन (आईओएम) ने भी इस मुद्दे को उठाया है। यह कदम उन शरणार्थियों को निशाना बना रहा है, जो पुनर्वास योजनाओं के तहत पश्चिमी देशों को जाने के लिए पाकिस्तान छोड़ने का इंतजार कर रहे हैं । पाकिस्तान में देश छोड़ने वाले हर अफगानी शरणार्थी से लगभग 830 अमेरिकी डॉलर का शुल्क लिया जाता है । पाकिस्तान ने बिना दस्तावेज वाले विदेशियों पर कार्रवाई की घोषणा करते हुए लगभग 20 लाख अपंजीकृत अफगानों को देश छोड़ने की समय सीमा 1 नवंबर तय की थी। समय सीमा बीतने के साथ ही पाकिस्तान ने बिना दस्तावेज वाले अफगानों का बड़े पैमाने पर निर्वासन शुरू कर दिया। अगस्त 2021 में काबुल तालिबान के कब्जे के बाद से सही दस्तावेजों के बिना या खत्म समय वाले वीजा के साथ हजारों अफगानी पाकिस्तान में हैं । वे सभी पश्चिमी देशों में अपने जीवन को फिर से शुरू करने का इंतजार कर रहे हैं । उनमें से अधिकांश ने पश्चिमी सरकारों और संगठनों के साथ काम किया है और मानवीय आधार पर पुनर्वास के पात्र हैं। अमेरिकी सरकार अपने देश में लगभग 25,000 अफगानों को बसाने की योजना बना रही है। जबकि ब्रिटेन ने कहा है कि वह 20,000 लोगों का पुनर्वास करेगा। पाकिस्तान में पांच वरिष्ठ पश्चिमी राजनयिकों ने कहा कि पाकिस्तान में निकास के लिए परमिट शुल्क अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अभूतपूर्व था और यह अफगान शरणार्थियों के लिए एक झटके के रूप में आया था। एक राजनयिक ने कहा कि उनको पता है कि पाकिस्तान की आर्थिक हालत बहुत खस्ता है, लेकिन शरणार्थियों से पैसा कमाने की कोशिश करना वास्तव में बहुत अजीब है ।