आबकारी घोटालाः सत्येंद्र जैन पर आरोप तय करने के मामले में अगली सुनवाई 25 नवंबर को
नई दिल्ली, (हि.स.)। दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट ने दिल्ली आबकारी घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में आरोपित दिल्ली के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन के खिलाफ आरोप तय करने के मामले में आज आंशिक दलीलें सुनी। स्पेशल जज विकास ढल ने 25 नवंबर को अगली सुनवाई करने का आदेश दिया । सत्येंद्र जैन की ओर से आज दस्तावेजों की जांच की मांग करते हुए अर्जी दाखिल की गई। 25 अक्टूबर को सुनवाई के दौरान ईडी ने कहा था कि चार्जशीट से जुड़े दस्तावेजों और अन्य दस्तावेज की लिस्ट सत्येंद्र जैन के वकील को दे दी गई है। मामले की जांच में आय से अधिक संपत्ति का पता चला है। इस स्टेज पर उनका खुलासा नहीं किया जा सकता । छापेमारी के समय पहुंचने और निकलने के दौरान क्या-क्या चीजें जब्त की गईं, वह सब रिकॉर्ड पर हैं । सुनवाई के दौरान सत्येंद्र जैन के वकील ने कहा था कि ईडी द्वारा जो लिस्ट दी गई है वह पूरी नहीं है। जुलाई 2022 के बाद मेरे और इस मामले के सह-आरोपितों के बयान दर्ज किए गए थे, जिसकी जानकारी अभी तक एजेंसी ने सत्येंद्र जैन को नहीं दी है।
उन्होंने कहा था कि जुलाई 2022 के बाद अगर कोई बयान दर्ज नहीं कराया है तो इसकी भी जानकारी कोर्ट को देनी होगी, क्योंकि ईडी के मुताबिक मामले की जांच अभी जारी है। पांच अक्टूबर को सुनवाई के दौरान सत्येंद्र जैन की ओर से मामले से जुड़े कुछ दस्तावेज और जब्त इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों को देने की मांग की थी। ईडी ने सत्येंद्र जैन की इस मांग का विरोध किया था । इसके पहले 20 सितंबर को राऊज एवेन्यू कोर्ट के प्रिंसिपल डिस्ट्रिक्ट एंड सेशंस जज ने सत्येंद्र जैन की ईडी और सीबीआई से जुड़े मामलों को दूसरी कोर्ट में ट्रांसफर करने की मांग खारिज कर दिया था। प्रिंसिपल डिस्ट्रिक्ट एंड सेशंस जज अंजू बजाज चांदना ने कहा था कि इस याचिका में कोई मे - रट नहीं है। जैन पर आरोप है कि उन्होंने 2009-10 और 2010-11 में फर्जी कंपनियां बनाईं। इन कंपनियों में अकिंचन डेवलपर्स प्रा. लि. इंडो मेटल इम्पेक्स प्रा.लि. प्रयास इंफो सॉल्यूशंस प्रा.लि. मंगलायतन प्रोजेक्ट्स प्रा. लि. शामिल हैं।