अल शिफा अस्पताल परिसर में हुई इजराइली सेना और हमास की लड़ाई, नेतन्याहू ने ट्रूडो को सुनाई खरी-खरी
तेल अवीव । इजराइली सेना ने बुधवार को एक बयान जारी कर बताया कि गाजा के अल शिफा अस्पताल परिसर के एक हिस्से में इजराइली सेना और हमास के आतंकियों के बीच लड़ाई हुई। बयान के अनुसार, इजराइली सेना को अस्पताल आतंकी ठिकाना होने की खुफिया सूचना मिली थी। जिसके बाद कार्रवाई की गई । इजराइली सेना ने कहा कि इस पूरे ऑपरेशन में आम नागरिकों को कोई नुकसान नहीं हुआ । खुफिया जानकारी के आधार पर मारा अस्पताल परिसर में छापा इजराइली सेना ने बताया कि आम नागरिकों और मरीजों को सुरक्षित निकालने के लिए अस्पताल परिसर में एक रास्ता खुला रखा गया था। साथ ही कार्रवाई से पहले अस्पताल प्रशासन को भी इसकी जानकारी दे दी गई थी। अस्पताल में ऑपरेशन चलाने वाली सैन्य टीम में मेडिकल टीम के सदस्यों के सात ही अरबी भाषा बोलने वाले सैनिक भी थे, जिन्हें खास तौर पर इस तरह के ऑपरेशन के लिए ट्रेनिंग दी गई थी ताकि आम नागरिकों या मरीजों को कोई नुकसान ना पहुंचे। बता दें कि बीते दिनों अल शिफा अस्पताल पर हमला भी हुआ था, जिसमें 22 लोग मारे गए थे । हमास ने इसका आरोप इजराइल पर लगाया था लेकिन इजराइल ने आरोपों को खारिज कर दिया था और दावा किया कि हमास के आतंकियों की असफल मिसाइल लॉन्च से अस्पताल निशाना बना ।
आईडीएफ का दावा- अल शिफा अस्पताल में है आतंकियों का ठिकाना
अल शिफा अस्पताल गाजा का सबसे बड़ा अस्पताल है । इजराइली सेना का दावा है कि अल शिफा अस्पताल के परिसर में ही हमास आतंकियों ने भी ठिकाने बनाए हुए हैं । यही वजह है कि इजराइली सेना बीते कई दिनों से इस अस्पताल को खाली करने का आदेश दे रही थी । गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार अभी भी अल शिफा अस्पताल में 1500 के करीब लोग फंसे हुए हैं, जिनमें मेडिकल स्टाफ के साथ ही मरीज और शरणार्थी शामिल हैं। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने अपने एक बयान में गाजा पट्टी में इजराइल की कार्रवाई की आलोचना की और कहा कि गाजा पट्टी में इजराइल द्वारा मारे जा रहे महिलाओं, बच्चों की मौतों का अब अंत होना चाहिए। ट्रूडो के बयान पर इजराइल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने करारा जवाब दिया है।