घूस लेने और अवैध रूप से कर्ज देने का है आरोप
नई दिल्ली ।
चीन ने वित्तीय क्षेत्र को निशाना बनाने के लिए दो साल से चलाए जा रहे भ्रष्टाचार रोधी अभियान के बीच रिश्वत लेने और अवैध रूप से कर्ज देने के आरोप में देश के सबसे बड़े वाणिज्यिक बैंकों में से एक के पूर्व प्रमुख को गिरफ्तार किया है।
सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के भीतर भ्रष्टाचार की जांच कर रहे चीन के सेंट्रल कमीशन फॉर डिसिप्लिन इंस्पेक्शन (सीसीडीआई) ने कहा कि मार्च में जांच शुरू करने की घोषणा करने के बाद बैंक ऑफ चाइना के पूर्व प्रमुख लियू लियांगे को गिरफ्तार कर लिया गया है।
राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने भ्रष्टाचार से लड़ने को अपनी राजनीतिक परियोजना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनाया है क्योंकि उन्होंने सर्वोपरि नेता के रूप में अपनी स्थिति को में बैंकरों और फाइनेंसरों को जांच का सामना मजबूत किया है।
शी लंबे समय से कहते रहे हैं कि वित्तीय क्षेत्र को वास्तविक अर्थव्यवस्था की सेवा करनी चाहिए, जो धीमी वृद्धि और उच्च युवा बेरोजगारी से जूझ रही है । वित्तीय क्षेत्र के कई अन्य लोग भी जांच के दायरे में हैं या उनपर आरोप लगे हैं, इनमें चीन के एक स्टार फंड मैनेजर वांग यावेई भी शामिल हैं। वहीं, चीन की सबसे बड़ी बीमा कंपनियों में से एक चाइना लाइफ इंश्योरेंस के पूर्व अध्यक्ष वांग बिन को पिछले महीने एक अदालत ने भ्रष्टाचार का दोषी पाया था और उन्हें निलंबित मौत की सजा सुनाई थी, इसके बाद वह अपना शेष जीवन जेल में बिताएंगे। लियू को पिछले हफ्ते कम्युनिस्ट पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था। सीसीडीआई द्वारा उनपर देश में प्रतिबंधित प्रकाशन लाने, अवैध रूप से रिश्वत लेने और निजी क्लबों व स्की रिसॉर्ट्स में मनोरंजन स्वीकार करने का आरोप लगाया गया था। बैंक ऑफ चाइना राज्य के स्वामित्व वाले चार बड़े चीनी बैंकों में से एक है। यह वैश्विक वित्तीय स्थिरता के मामले में टॉप 11 बैंकों में रैंक करता है। वित्तीय स्थिरता बोर्ड के अनुसार यह वैश्विक वित्तीय प्रणाली का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। एसएंडपी ग्लोबल मार्केट इंटेलिजेंस के अनुसार, संपत्ति के मामले में यह दुनिया का चौथ सबसे बड़ा बैंक है ।