जींद ( हिंस)। ग्रामीण सफाई कर्मचारियों ने मंगलवार को तीन दिवसीय हड़ताल शुरू की । लघु सचिवालय पर धरने की अध्यक्षता जिला प्रधान ईश्वर बुआना व संचालन जिला सचिव पवन कुमार ने किया। उन्होंने बताया कि ग्रामीण सफाई कर्मचारियों ने हड़ताल के नोटिस दो महीने पहले 10 अगस्त को हरियाणा तमाम जिलों में जिला एवं पंचायत अधिकारियों के माध्यम से तथा विभाग के निदेशक को चंडीगढ़ में जाकर दिया जा चुके हैं। लंबे समय से ग्रामीण सफाई कर्मचारी मांगों को लेकर लगातार आंदोलन कर रहे हैं लेकिन प्रदेश सरकार की मंशा ग्रामीण सफाई कर्मचारियों के प्रति ठीक नहीं है । कर्मचारियों की नियुक्ति का पैमाना आज भी 2001 वाली जनसंख्या के आधार पर ही है। सरकार इसको बदलने के लिए तैयार नहीं है जबकि 17 सालों में जनसंख्या काफी बढ़ चुकी है। जिस कारण कर्मचारियों पर काम के बोझ का दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है। वो लगातार सरकार के सामने यह सवाल उठाते आ हैं कि जब शहरों में यह पैमाना 400 की आबादी का है तो हमारे लिए यह दो हजार क्यो है। 17 साल समाज की सेवा करने के बाद भी सरकार की नजर में उनका कोई खाता नही है । उन्हें ना तो मजदूर माना जाता है और न ही कर्मचारी का दर्जा दिया जाता है । उन्होंने मांग की कि ग्रामीण सफाई कर्मचारियों को पक्का किया जाए। पंचायत की बजाए सरकार के पेरोल पर लिया जाए। न्यूनतम वेतन 26 हजार रुपए मासिक किया जाए। वेतन में वार्षिक बढ़ोत्तरी व महंगाई भत्ता लागू करो। तीन महीने की बजाए वार्षिक बजट जारी किया जाए और महीने की सात तारीख से पहले वेतन का भुगतान किया जाए। पीएफईएसआई कार्ड जारी किया जाए। मृत्यु हो चुके कर्मचारियों के परिजनों को पांच लाख रुपए मुआवजा व एक्सग्रेशिया नीति लागू करके परिवार के सदस्य को नौकरी दी जाए। काम के औजारों का मासिक भत्ता तय किया जाए। वर्दी भत्ता लागू किया जाए। शहर की तरह गांव में भी 400 की आबादी पर एक सफाई कर्मी नियुक्त किया जाए। डोर टू डोर के कर्मचारियों को ठेकेदारों की बजाए बीडीपीओ के पे रोल पर लिया जाए और ग्रामीण सफाई कर्मचारियों के बराबर मानदेय दिया जाए। बेगार से मुक्ति के लिए पंचायत की बजाए अलग से सुपरवाइजर लगाया जाए।