जम्मू-कश्मीर में चुनाव की घोषणा नहीं होने से उमर अब्दुल्ला नाराज
श्रीनगर। नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने सोमवार को जम्मू-कश्मीर विधानसभा के लिए चुनाव कार्यक्रम की घोषणा नहीं करने पर चुनाव आयोग पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि देरी से लोगों को निर्वाचित सरकार के अपने अधिकार की मांग के लिए सड़कों पर विरोध प्रदर्शन करना पड़ सकता है। जम्मू-कश्मीर में चुनाव पर चर्चा न होने से नाराज पूर्व मुख्यमंत्री ने चिंता जताई और चुनाव आयोग से कई तीखे सवाल किए। उन्होंने पूछा कि आयोग को जम्मू-कश्मीर में चुनाव कराने की इजाजत क्यों नहीं दी जा रही है ? उन्होंने सवाल किया कि क्या मौजूदा स्थिति क्षेत्र की पिछली परिस्थितियों, जैसे कि 1996 और 2014 की बाढ़ के बाद की परिस्थितियों से अधिक चुनौतीपूर्ण है। उनका मानना है कि ईसीआई को जम्मू-कश्मीर के लोगों को स्पष्ट स्पष्टीकरण देना चाहिए कि उन्हें लोकतांत्रिक प्रक्रिया में भाग लेने की अनुमति क्यों नहीं दी जा रही है। अब्दुल्ला ने कहा कि ऐसा लगता है जैसे हमें ऐसी स्थिति में धकेला जा रहा है जहां हमें अपने लोकतांत्रिक अधिकारों के लिए भी विरोध करना होगा । वह इस सवाल का जवाब दे रहे थे कि क्या जम्मू-कश्मीर में राजनीति इस हद तक सिमट गई है कि लोगों को विधानसभा चुनाव कराने के लिए सड़कों पर उतरना पड़े। उन्होंने कहा कि मुख्य चुनाव आयुक्त ने आज एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि वे जम्मू-कश्मीर में चुनाव पर निर्णय लेने से पहले सभी कारकों पर विचार करेंगे। इससे पहले उन्होंने कहा था कि जम्मू-कश्मीर में एक खालीपन है जिसे भरने की जरूरत है। हम जानना चाहते हैं कि ये कारक क्या हैं? क्या सरकार ईवीएम उपलब्ध नहीं करा रही है ? क्या सरकार सुरक्षा नहीं दे रही है ? क्या हालात 1996 से भी बदतर हैं कि चुनाव नहीं हो सकते ? क्या यह 2014 की बाढ़ के बाद की स्थिति से भी बदतर है ? चुनाव आयोग को जम्मू-कश्मीर के लोगों को जवाब देना होगा कि वे उन्हें लोकतंत्र से दूर क्यों रख रहे हैं।