एशियन मास्टर्स एथलेटिक्स चैंपियनशिप में जीते तीन स्वर्ण
नई दिल्ली।
विश्व चैंपियन भगवानी देवी डागर ने एक बार फिर कमाल किया है। 95 वर्षीय एथलीट ने 22वीं एशियाई मास्टर्स एथलेटिक्स चैंपियनशिप में तीन स्वर्ण पदक जीते हैं। फिलीपींस के न्यू क्लार्क सिटी में उन्होंने शॉटपुट, डिस्कस और जेवलिन थ्रो में स्वर्ण पदक अपने नाम किए। वह ऐसा करने वाली पहली एशियाई चैंपियन हैं। इससे पहले 95 साल की भगवानी देवी डागर ने पोलैंड के टोरून में वर्ल्ड मास्टर्स एथलेटिक्स इंडोर चैंपियनशिप में डिस्कस थ्रो में तीन स्वर्ण पदक जीते थे। फिनलैंड में 2023 विश्व मास्टर्स एथलेटिक्स चैंपियनशिप में उन्होंने 90-94 आयु वर्ग में 100 मीटर दौड़, 95-99 आयु वर्ग में शॉट पुट और डिस्कस थ्रो में स्वर्ण पदक जीता था।
भगवानी देवी का जन्म हरियाणा के खेड़का गांव में हुआ था। उनकी शादी 12 साल की उम्र में हुई और 30 साल की उम्र में उनके पति का निधन हो गया। उनके पति की मृत्यु के बाद उन्होंने एक नवजात लड़के को खो दिया। हालांकि, उन्होंने इसके बाद पुनर्विवाह न करने का फैसला किया। देवी ने अपनी छोटी बेटी और एक अन्य बच्चे पर ध्यान केंद्रित किया । उस समय वह गर्भवती भी थीं।
उनकी बेटी का जन्म समय से पहले हो गया और उसकी सेहत ठीक नहीं रहती थी। इसी वजह से कुछ समय बाद ही उसकी मौत हो गई। बेटी की मौत के बाद उनका छोटा बेटा उनकी एकमात्र संतान रह गया। देवी ने अपना और अपने बच्चे का भरण-पोषण करने के लिए कठिन मुश्किलों का सामना किया। उन्होंने अपनी बड़ी बहन की मदद ली, जिसकी शादी भी उसी परिवार में हुई थी। आखिरकार उनके प्रयास रंग लाए और भगवानी देवी के बेटे को दिल्ली नगर परिषद में क्लर्क के रूप में नियुक्त किया गया, जिससे परिवार की वित्तीय स्थिति सुधारने में मदद मिली। भगवानी देवी जल्द ही दादी बन गईं और उनके तीन पोते-पोतियां हैं। सबसे बड़े पोते विकास डागर की खेलों में गहरी रुचि थी और उन्होंने कई कमियों के बावजूद एशियाई खेलों सहित विभिन्न प्रतियोगिताओं में भारत का प्रतिनिधित्व किया। खेल रत्न पुरस्कार विजेता विकास के नाम पैरा-एथलीट के रूप में कई रिकॉर्ड हैं।