5वें और 6वें वेतनमान के केंद्रीय कर्मचारियों का डीए बढ़ा
दिसंबर माह में 9 से 15 प्रतिशत बढ़कर मिलेगी सैलरी, जुलाई से नवंबर का एरियर भी मिलेगा
नई दिल्ली।
केंद्र सरकार ने 5वें और 6 वें वेतन आयोग के अनुसार सैलरी पाने केंद्रीय कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी का ऐलान किया है। सेन्ट्रल पब्लिक सेक्टर इंटरप्राइजेज में काम कर रहे इन कमर्चारियों के डीए में ये बढ़ोतरी 1 जुलाई 2023 से प्रभावी होगी। इन कर्मचारियों के डीए में 15 प्रतिशत से 18 प्रतिशत तक का इजाफा किया गया है, जिससे इनकी सैलरी में बढ़ जाएगी । वित्त मंत्रालय के डिपार्टमेंट ऑफ पब्लिक एंटरप्राइजेस ने एक ऑफिस मेमोरेडम जारी कर इसकी घोषणा की है। इस फैसले के बाद कर्मचारियों को दिसंबर से बढ़ी हुई सैलरी मिलेगी। इसमें जुलाई और नवंबर के बीच की अवधि का एरियर भी शामिल होगा।
7वें वेतनमान के कर्मचारियों का बढ़ा था डीए
इससे पहले सरकार ने 7वें वेतन आयोग के अनुसार सैलरी पाने केंद्रीय कर्मचारियों का डीए 4 प्रतिशत बढ़ाकर 46 प्रतिशत कर दिया था । इसका सीधा फायदा करीब 48.67 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और 67.95 लाख पेंशनर्स को होगा। कर्मचारियों को नवंबर से बढ़ी हुई सैलरी मिलेगी। इसमें जुलाई और अक्टूबर के बीच की अवधि का एरियर भी शामिल होगा। इस फैसले से सरकार पर हर साल 12,857 करोड़ रुपए का भार आएगा। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर कैबिनेट के फैसलों की जानकारी दी।
बढ़ने के बाद कितना फायदा होग
बेसिक सैलरी में ग्रेड सैलरी को जोड़ने के बाद जो सैलरी बनती है, उसमें महंगाई भत्ते की दर का गुणा किया जाता है। जो नतीजा आता है, उसे ही महंगाई भत्ता यानी डिअरनेस अलाउंस डीए कहा जाता है। यानी, (बेसिक पे + ग्रेड पे) म डीए प्रतिशत डीए अमाउंट
इसे एक उदाहरण से समझते हैं, मान लीजिए बेसिक सैलरी 10 हजार रुपए और ग्रेड पे 1000 रुपए है। दोनों को जोड़ने पर टोटल 11 हजार रुपए हुआ । 11 हजार रुपए का 46 प्रतिशत निकालने पर 5,060 रुपए हुआ । सबको जोड़कर 16,060 रुपए हुए। अब 42 प्रतिशत डीए के हिसाब से इसका कैलकुलेशन देखते हैं। 11 हजार रुपए का 42 प्रतिशत होता है 4620 रुपए। 11000 + 4620 = 15,620 रुपए होता है। यानी 4 प्रतिशत डीए बढ़ने के बाद हर महीने कर्मचारियों को 420 रुपए का फायदा होगा।
जीवन स्तर को बनाए रखने के लिए दिया जाता है भत्ता
महंगाई भत्ता ऐसा पैसा है जो महंगाई बढ़ने के बावजूद सरकारी कर्मचारियों के जीवन स्तर को बनाए रखने के लिए दिया जाता है। यह पैसा सरकारी कर्मचारियों, पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों और पेंशनधारकों को दिया जाता है।
इसका कैलकुलेशन देश की मौजूदा महंगाई के अनुसार हर 6 महीने पर किया जाता है। इसकी गणना संबंधित वेतनमान के आधार पर कर्मचारियों के मूल वेतन के अनुसार की जाती है। महंगाई भत्ता शहरी, अर्ध-शहरी या ग्रामीण क्षेत्र के कर्मचारियों का अलग- अलग हो सकता है।
महंगाई भत्ता निर्धारण के लिए एक फॉर्मूला दिया गया है। केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए ये फॉर्मूला है [ ( पिछले 12 महीने के ऑल इंडिया कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स का औसत 115.76)/115.76] x100 |
ऑल इंडिया कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स क्या है
भारत में दो तरह की महंगाई होती है। एक रिटेल यानी खुदरा और दूसरा थोक महंगाई होती है। रिटेल महंगाई दर आम ग्राहकों की तरफ से दी जाने वाली कीमतों पर आधारित होती है। इसको कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स भी कहते हैं।