नासा ने चेतावनी दी है कि एक विशालकाय एस्टेरॉयड 28 अक्टूबर यानी सोमवार को धरती के बहुत करीब से गुजरेगा। इस खगोलीय पिंड को एस्टेरॉयड 2020 डब्ल्यूजी का नाम दिया गया है, जिसका आकार 500 फीट का है। यह एस्टेरॉयड करीब 33,947 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से अंतरिक्ष में सफर कर रहा है। वैज्ञानिकों ने बताया है कि यह क्षुद्रग्रह धरती के पास बिंदु पर करीब 33.3 लाख किलोमीटर की दूरी से गुजरेगा | _2020 डब्ल्यूजी को खतरनाक एस्टेरॉयड माना जा रहा है, जिसका मतलब है कि यह धरती के पास आते ही किसी बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकता है। हालांकि इस दूरी के कारण इस बार किसी गंभीर खतरे की आशंका नहीं है। नासा विशेषज्ञ टीम हर गतिविधि पर नजर रखे हुए है, ताकि समय रहते जरूरी कदम उठाए जा सकें। विशेषज्ञों का मानना है कि इस आकार का एस्टेरॉयड, यदि धरती से टकराता है, तो यह बड़ी तबाही ला सकता है। इसके टकराने से लाखों टन टीएनटी के बराबर ऊर्जा निकल सकती है, जो धरती के एक बड़े हिस्से पर असर डाल सकती है। ऐसे खगोलीय पिंडों पर नजर रखना बहुत जरूरी है, क्योंकि इनकी टक्कर से बड़ी तबाही मच सकती है। हाल ही में 26 अक्टूबर को एक अन्य एस्टेरॉयड 2024 टीबी2 भी पृथ्वी के पास से गुजरा था। यह एस्टेरॉयड हवाई जहाज के आकार का था, जो पृथ्वी से केवल 11,764 किलोमीटर की दूरी पर था। इसके बावजूद वैज्ञानिकों ने उम्मीद जताई थी कि यह चंद्रमा की कक्षा से आगे निकल जाएगा और यह अनुमान सही साबित भी हुआ। भविष्य में इस प्रकार के खतरों को कम करने और संभावित आपदाओं से निपटने के लिए नासा और अन्य अंतरिक्ष एजेंसियां काम कर रही हैं। नासा के वैज्ञानिक इस एस्टेरॉयड के अध्ययन और उस पर लगातार नजर रखे हुए हैं। इसके अलावा, नासा का एलियन जीवन की खोज से जुड़ा मिशन भी जल्द शुरू होने वाला है, जिसमें बृहस्पति के चंद्रमा पर जीवन के संकेतों की तलाश की जाएगी। ऐसे शोध न केवल धरती की सुरक्षा तय करेंगे, बल्कि अंतरिक्ष विज्ञान में नई जानकारियों को उजागर करने में भी मददगार साबित होंगे।