2024 के लिए आरएसएस तैयार दस हजार स्वंयसेवक करेंगे सर्वे
समालखां। राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (आरएसएस) के तीन दिनों तक चलने वाली प्रतिनिधी सभा की बैठक खत्म हो गई है। इसके साथ ही कुछ प्रस्ताव और कई विषयों पर चर्चा हुई है। संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने कहा कि बैठक में देश में आगामी होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई और ना ही संघ इस तरह की कोई चर्चा करता है। बावजूद इसके प्रतिनिधी सभा में जिस तरह के कार्य स्वंयसेवकों को सौंपे गए हैं, उसे देखकर ऐसा प्रतीत होता है कि लोकसभा 2024 के चुनाव से पहले संघ की जनता से बड़े फीडबैक लेने की तैयारी है। दत्तात्रेय होसाबले ने कहा कि शाखा के स्वंयसेवक बड़ी संख्या में सामाजिक कार्यों में हिस्सा लेते हैं। ऐसे में इन स्वंयसेवकों से फीडबैक लिया गया है। इसके साथ ही 10000 स्वंयसेवकों को सर्वे करने को कहा गया है। इस सर्वे में मुख्य रुप से यह पूछा जाएगा कि संघ की ओर से किस तरह के सामाजिक कार्यों को अंजाम दिया गया है। सामाजिक परिवर्तन में स्वंयसेवकों के योगदान किस तरह से रहा इसे लेकर सर्वे की बात है और छह महीने के भीतर इस रिपोर्ट को तैयार करना है। डॉ मनमोहन वैद्य ने साफ किया कि आगामी शताब्दी वर्ष को ध्यान में रखते हुए संघ की ओर से फिलहाल कोई बड़े कार्यक्रम नहीं करने की योजना है। किसी भी योजना को अगले वर्ष के प्रतिनिधी सभा में कार्ययोजना पर चर्चा की जाएगी और इसे लेकर कार्यक्रम बनाया जाएगा। हालांकि, उन्होंने यह कहा कि शताब्दी वर्ष में संघ कार्य को बढ़ाने के लिए संघ के नियमित प्रचारकों व विस्तारकों के अतिरिक्त 1300 कार्यकर्ता दो वर्ष के लिए शताब्दी विस्तारक निकले हैं। इसके लिए 1500 लोगों की टीम और तैयार की जा रही है, जो संघ के काम को जन जन तक पहुंचाएंगे। किसी भी बड़े कार्यक्रम नहीं करने की वजह जानकार साल 2024 का लोकसभा चुनाव भी बता रहे हैं। दत्तात्रेय होसबाले ने कहा कि प्रतिनिधि सभा में समाज के उन लोगों को जोडऩे पर जोर दिया गया है जो समाज के विकास के लिए तत्पर रहते हैं। उन्होंने कहा कि कार्य विस्तार तथा कार्य की गुणात्मकता बढ़ाने की योजना अवश्य बनी है। स्थान-स्थान पर ग्राम-बस्तियों की परिस्थिति का अध्ययन कर वहां की समस्याओं के समाधान की दिशा में शाखा के स्वयंसेवक समाज को जोडक़र प्रयास करेंगे। इसके लिए समाज के उन लोगों को खास तौर पर जोड़ा जाएगा जो समाज में सकारात्मक सोच रखते हैं। अगले एक वर्ष तक एक लाख स्थानों तक पहुंचना संघ का लक्ष्य है। वर्ष 2020 में आई कोरोना आपदा के बाद भी संघ कार्य बढ़ा है। 2020 में 38913 स्थानों पर 62491 शाखा, 20303 स्थानों पर साप्ताहिक मिलन व 8732 स्थानों पर मासिक मंडली चल रही थी। 2023 में यह संख्या बढक़र 42613 स्थानों पर 68651 शाखाएं, 26877 स्थानों पर साप्ताहिक मिलन तथा 10412 स्थानों पर मासिक मंडली तक पहुंच गई है। संघ दृष्टि से देशभर में 911 जिले हैं, जिनमें से 901 जिलों में संघ का प्रत्यक्ष कार्य चलता है। 6663 खंडों में से 88 प्रतिशत खंडों में, 59326 मंडलों में से 26498 मंडलों में संघ की प्रत्यक्ष शाखाएं लगती हैं। निश्चित रुप से अधिक से अधिक शाखा के माध्यम से संघ की सोच को जनमानस तक पहुंचाने का लक्ष्य है, जिसका सीधा फायदा भारतीय जनता पार्टी को मिलेगा।