गुवाहाटी (हिंस)। 13वीं अखिल भारतीय रेलवे (पुरुष और महिला) तीरंदाजी चैंपियनशिप, 2023 का आयोजन पूर्वोत्तर सीमा रेलवे द्वारा किया जा रहा है। यह चैंपियनशिप 8 अक्तूबर को पूसी रेलवे स्पोर्ट्स एसोसिएशन फुटबॉल स्टेडियम पांडु, गुवाहाटी में शुरू हुई। इस खेल स्पर्धा का उद्घाटन आज पूर्वोत्तर सीमा रेल महाप्रबंधक चेतन कुमार श्रीवास्तव ने अन्य रेल अधिकारियों की उपस्थिति में किया। चैंपियनशिप 10 अक्तूबर तक जारी रहेगी। इस चैंपियनशिप में भारतीय रेल के विभिन्न जोनों और उत्पादन इकाइयों से कुल 11 टीमें भाग ले रही हैं। प्रतिभागियों में एनएफआर (पूर्वोत्तर सीमा रेल, मालीगांव), ईआर (पूर्व रेलवे, कोलकाता), एसईसीआर (दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे, बिलासपुर), एसईआर ( दक्षिण पूर्व रेलवे, कोलकाता), एससीआर ( दक्षिण मध्य रेलवे, सिकंदराबाद), एसआर ( दक्षिण रेलवे, चेन्नई), ईसीआर ( पूर्व मध्य रेलवे, हाजीपुर), ईसीओआर (पूर्वी तट रेलवे, भुवनेश्वर), एनईआर (उत्तर पूर्व रेलवे, गोरखपुर), सीएलडब्ल्यू (चितरंजन लोकोमोटिव वर्क्स), आरपीएफ (रेलवे सुरक्षा बल) शामिल हैं। इस चैंपियनशिप में भारतीय रेल के 08 शीर्ष रैंकिंग वाले खिलाड़ी और अंतर्राष्ट्रीय ख्याति के 5 खिलाड़ी सहित कुल 50 खिलाड़ी भाग ले रहे हैं । पूर्व रेलवे से ओलंपियन, अर्जुन पुरस्कार और पद्मश्री पुरस्कार प्राप्त एल बोम्बायला देवी, पूर्व रेलवे से ओलंपियन और अर्जुन पुरस्कार प्राप्तमंगल सिंह चांपिया, पूर्व रेलवे से ओलंपियन और अर्जुन पुरस्कार प्राप्त राहुल बनर्जी, चित्तरंजन लोकोमोटिव वर्क्स से ओलंपियन लक्ष्मी रानी माझी और एशियाई खेलों की कांस्य पदक विजेता पूर्व रेलवे की तृषा दे भाग लेने वाले खिलाड़ियों में शामिल हैं। मन और शरीर को स्वस्थ रखने के लिए खेल व्यक्ति के जीवन का अभिन्न हिस्सा हैं। एनएफआरएसए (नॉर्थईस्ट फ्रंटियर रेलवे स्पोर्ट्स एसोसिएशन) विभिन्न कदम उठाकर खेल के क्षेत्र में नई प्रतिभाओं को तैयार करने और विकसित करने के उद्देश्य से काम कर रहा है, जिससे अंतर्राष्ट्रीय आयोजनों में भारतीय रेल और देश का गौरव बढ़े। इस तरह के चैंपियनशिप के आयोजन से इस क्षेत्र में युवाओं के बीच तीरंदाजी जैसे स्पर्धाओं को बढ़ावा मिलेगा।
झराजस्थान में 30 अक्तूबर को अधिसूचना जारी की जाएगी जबकि 6 नवंबर तक नामांकन, 7 नवंबर को नामांकन पत्रों की जांच और 9 नवंबर तक नाम वापस लिये जा सकेंगे। तेलंगाना के लिए अधिसूचना 3 नवंबर को जारी की जाएगी और नामांकन 10 नवंबर तक, जांच 13 नवंबर और नाम वापसी 15 नवंबर तक की जा सकती है। इन पांच राज्यों में 679 विधानसभा सीटें हैं। जो देश की कुल विधानसभा सीटों का 1/6वां हिस्सा है। 16 करोड़ मतदाता हैं। 8.24 करोड़ पुरुष और 7.88 करोड़ महिला मतदाता है। 32 हजार मतदाताओं ने 100 वर्ष की आयु पार कर ली है। 17.35 लाख दिव्यांग मतदाता हैं। मिजोरम और छत्तीसगढ़ में महिला मतदाताओं की संख्या ज्यादा है और तेलंगाना में लगभग बराबर है। इस बार 60 लाख पहली बार मतदान करने वाले मतदाता हैं। युवा मतदाताओं को मतदान के लिए प्रेरित करने के लिए 200 मतदान केंद्रों को पूरी तरह से युवा अधिकारी संभालेंगे।
राज्यों के आंकड़े :
मिजोरम में 17 दिसंबर को विधानसभा का कार्यकाल समाप्त हो रहा है। यहां की एक सीट सामान्य और 39 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं। कुल मतदाता 8.52 लाख हैं।
छत्तीसगढ़ विधानसभा का कार्यकाल 3 जनवरी को पूरा हो रहा है। छत्तीसगढ़ में 90 सीटों में से 10 अनुसूचित जाति और 29 अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है। यहां 2.03 करोड़ मतदाता है।
मध्य प्रदेश विधानसभा का कार्यकाल 6 जनवरी को पूरा हो रहा है। मध्य प्रदेश की 230 विधानसभा सीटों में से 35 अनुसूचित जाति और 47 अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं। कुल मतदाता 5.6 करोड़ हैं।
राजस्थान विधानसभा का कार्यकाल 14 जनवरी को समाप्त हो रहा है। 200 विधानसभा सीटों में 25 अनुसूचित जनजाति अनुसूचित जाति और 34 अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं। कुल मतदाता 5.25 करोड़ है। तेलंगाना विधानसभा का कार्यकाल 16 जनवरी को समाप्त हो रहा है। इसकी 119 विधानसभा सीटों में से 19 अनुसूचित जाति और 12 अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं । 3.7 करोड़ कुल मतदाता है।
चुनाव आयोग की तैयारी:
पांच राज्यों के 679 विधानसभा क्षेत्रों में 1.77 लाख मतदान केंद्र स्थापित किए जाएंगे। 1 लाख से अधिक मतदान केंद्र के पास वेबकास्टिंग सुविधा होगी। सभी पांच राज्यों में प्रति मतदान केंद्र पर औसत मतदाताओं की संख्या 1500 से कम है। मतदाता अनुभवों को बेहतर बनाने के लिए 17,734 मॉडल मतदान केंद्र होंगे। 621 मतदान केंद्रों का प्रबंधन पीडब्ल्यूडी कर्मचारियों द्वारा किया जाएगा और 8,192 पीएस पर महिलाएं कमान संभालेंगी। हर मतदाता जरूरी के आदर्श वाक्य के साथ चुनाव में मतदाताओं की भागीदारी को सुविधाजनक बनाने के लिए दूरदराज और दुर्गम क्षेत्रों में नए बूथ स्थापित किए जा रहे हैं। राजस्थान के बाड़मेर के रेगिस्तानी इलाकों और छत्तीसगढ़ - ओडिशा सीमा पर तुलसी डोंगरी पहाड़ी पर नया मतदान केंद्र स्थापित किया जाएगा। मध्य प्रदेश में आदिवासियों के लिए आरक्षित वन क्षेत्रों व अभयारण्यों में मतदान केंद्र स्थापित किए जाएंगे। मिजोरम में मतदान दल 22 मतदान केंद्रों पर पैदल चलकर और 19 मतदान केंद्रों में नाव और बाद में पैदल यात्रा कर पहुंचेंगे।