होजाई (निसं)। गीता केवल पढ़ने और रटने का ग्रंथ नहीं है बल्कि इसे व्यवहारिक रूप में अपनाना होगा, उक्त बाते गीता जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित होजाई स्थित गीता आश्रम के प्रांगण में धर्मसभा को संबोधित करते हुए उत्तर कमलाबाड़ी सत्र के सत्र अधिकारी महाप्रभु श्री श्री जनार्दन देव गोस्वामी ने कही। उन्होंने कहा कि गीता की शिक्षाएं हमें जीवन की चुनौतियों से निपटने और हमारे कार्यों में अर्थ और उद्देश्य खोजने में मददगार है। गीता का ज्ञान सबसे बड़ा धन है। सच्चे ज्ञान के बिना जीवन अंधकारमय है । उन्होंने लोगों को विस्तार पूर्वक गीता के संदर्भ में बताया व इस बहुमूल्य ज्ञान को अपने जीवन में अपनाने का आह्वान किया। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के असम क्षेत्र के क्षेत्र प्रचारक वशिष्ठ बुजुर बरुवा ने कहा गीता हमें शिक्षा देती है कि जो भी कार्य करें, उसे भगवान को अर्पित करने की भावना से करना चाहिए। भगवद् गीता जीवन जीने की अद्भुत कला सिखाने वाला मार्गदर्शक है। गीता में मुख्य संदेश हमें यह बताता है कि किसी भी परिस्थिति में हमें हार नहीं माननी चाहिए।उल्लेखयोग्य है कि कार्यक्रम का शुभारंभ बुधवार को प्रातः ध्वजा रोहन के साथ हुआ। इसके बाद जिला स्तरीय गीता से संबंधित विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित हुई जिसमें गीता श्लोक, गीता पर आधारित प्रश्नोंउत्तरी, आवृत्ति व रचना प्रतियोगिता आयोजित हुई जिसमें जिले के कई विद्यालयों से छात्र – छात्राओं ने अंश ग्रहण किया। वहीं आज श्री गुरु शंकराचार्य वेद विद्यालय गमीरी विश्वनाथ के छात्रों द्वारा गीता पाठ प्रारंभ हुआ तत्पश्चात सामूहिक गीता पाठ का आयोजन हुआ। वही आज के कार्यक्रम के दौरान विभिन्न प्रतियोगिताओं में विजयी छात्र – छात्राओं के साथ-साथ शिक्षकों को व समाज के वरिष्ठजनों जिन्होंने गीता आश्रम के स्थापना काल से अपना सहयोग दे रहे हैं उन्हें सम्मानित किया गया। इस संवाददाता से बात करते हुए गीता जयंती आयोजन समिति के सचिव अर्जुन मजुमदार, गीता आश्रम न्यास के अध्यक्ष यशोदा दुलाल रक्षित, सचिव यादव भंडारी व कोषाध्यक्ष अशोक केजरीवाल ने बताया कि पिछले दो महीनों से गीता जयंती धूमधाम से मनाने हेतु हमारे कार्यकर्ता दिन-रात एक कर रहे थे। इस दौरान हम लोगों ने विभिन्न विद्यालयों में गीता से संबंधित कई प्रतियोगिताएं आयोजित की व गीता के प्रचार प्रसार के लिए कई गांव में सभाएं आयोजित की। उन्होंने बताया कि आज के कार्यक्रम में लगभग 7000 लोग सम्मिलित हुए व हमने एक साथ गीता के श्लोकों का सामूहिक पाठ किया। उसके बाद प्रसाद का वितरण हुआ व संध्या के समय सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया गया। गौरतलब है कि यह गीता आश्रम न्यास का वार्षिक उत्सव है जो की गीता आश्रम न्यास व गीता जयंती आयोजन समिति के तत्वाधान में आयोजित हुआ।