हिंडनबर्ग ने अब सुपर माइक्रो कंप्यूटर इंक को लेकर किया खुलासा

नई दिल्ली। हिंडनबर्ग रिसर्च की एक और नई रिपोर्ट सामने आई है। इस रिपोर्ट में एक आईटी फर्म पर निशाना साधा गया है। यह कंपनी सिलिकॉन वैली स्थित सुपर माइक्रो कंप्यूटर इंक है। हिंडनबर्ग ने इस कंपनी पर अकाउंट में हेराफेरी का आरोप लगाया है। नैस्डैक पर सूचीबद्ध इस कंपनी के शेयरों में 27 अगस्त को प्री- मार्केट ट्रेड में करीब आठ फीसदी की गिरावट आई। हिंडनबर्ग का दावा है कि उनकी रिपोर्ट तीन महीने की जांच पर आधारित है। रिपोर्ट में अकाउंट में हेरफेर, अन- डिजक्लोज्ड लेनदेन के सबूत, प्रतिबंध और एक्सपोर्ट कंट्रोल में विफलता और ग्राहकों की समस्याओं की बात कही गई है। हिंडनबर्ग ने रिपोर्ट में कहा कि सुपर माइक्रो कंप्यूटर इंक को 2018 में वित्तीय विवरण दाखिल करने में विफल रहने के चलते नैस्डैक से अस्थायी रूप से हटा दिया गया था। बाद में एसईसी ने बड़े स्तर पर अकाउंटिंग में गड़बड़ी का आरोप कंपनी पर लगाया था। इस गड़बड़ी का संबंध 20 करोड़ डॉलर से ज्यादा का अनुचित रूप से मान्यता प्राप्त J. HINDENBURG RESEARCH रेवेन्यू और कम करके बताए गए खर्चों से था । इसकी वजह से कंपनी की बिक्री, आय और मुनाफे में बढ़ोरती हुई थी। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में मुकदमेबाजी के रिकॉर्ड और पूर्व कर्मचारियों के साथ साक्षात्कार का हवाला देते हुए सुझाव दिया गया है कि कंपनी ने 17.5 मिलियन के एसईसी समझौते के तीन महीने बाद ही अकाउंटिंग घोटाले में सीधे तौर पर शामिल अधिकारियों को फिर से काम पर रखा है। हिंडनबर्ग ने सुपर माइक्रो कंप्यूटर इंक के पूर्व सीएफओ हावर्ड हिदेशिमा को इस घपलेबाजी में शामिल बताया है और कहा है कि इन्हें सुपर माइक्रो से संबंधित एक कंपनी में फिर से काम पर रख लिया गया था।

हिंडनबर्ग ने अब सुपर माइक्रो कंप्यूटर इंक को लेकर किया खुलासा


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