रांची, (हि.स.)। झारखंड हाई कोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद ने सोमवार को एक जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान मौखिक कहा कि उन्होंने रांची सिविल कोर्ट में हाल के दिनों में एक आम व्यक्ति के रूप में जायजा लिया था । इस दौरान उन्होंने अपने अनुभव का जिक्र करते हुए हाई कोर्ट में उपस्थित वकीलों को बताया कि रांची सिविल कोर्ट में दोपहर 4.30 बजे तक लगभग सभी कोर्ट रूम खाली जाते हैं। रांची सिविल कोर्ट में चार-पांच जजगण ही उन्हें दोपहर 4.30 के बाद भी काम करते दिखे थे। निरीक्षण के दौरान रांची सिविल कोर्ट के एक कोर्ट रूम में उन्होंने कोर्ट की कार्यवाही की प्रक्रिया भी बैठकर देखी थी। सिविल कोर्ट में उस दिन वे बिना बॉडीगार्ड एवं बिना सूचना दिए गए थे ताकि रांची सिविल कोर्ट में कोर्ट की वास्तविक स्थिति देख सके। सिविल कोर्ट में जिला बार झारखण्ड उच्च न्यायालय एसोसिएशन के पदाधिकारी समेत कई अधिवक्ताओं ने भी उन्हें नहीं पहचाना था। एक्टिंग चीफ जस्टिस ने मौखिक कहा कि हाई कोर्ट एवं सिविल कोर्ट में सभी जजों को अपने निर्धारित समय पर जरूर बैठना चाहिए और त्वरित ढंग से केस का निष्पादन करना चाहिए। जज एवं वकील का काम मुवक्किलो को जल्द से जल्द न्याय दिलाना है। हाई कोर्ट में उपस्थित महाधिवक्ता राजीव रंजन से भी उन्होंने मौखिक कहा कि हाई कोर्ट में कई महत्वपूर्ण सुनवाई के दौरान राज्य स- रकार के वरिष्ठ अधिवक्ता की जगह जूनियर अधिवक्ता केस की पैरवी के लिए आते हैं । अनुभव एवं उचित जानकारी नहीं होने के कारण उन्हें कोर्ट की नाराजगी का भी सामना करना पड़ता है। ऐसे में महत्वपूर्ण सुनवाई के दौरान राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिवक्ता उपस्थित रहें, यह सुनिश्चित करना बेहतर होगा।