नई दिल्ली (हि.स.) । भारत की यात्रा पर आए संयुक्त अरब अमीरात के संसदीय शिष्टमंडल ने आज संसद भवन परिसर में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के साथ मुलाकात की। शिष्टमंडल का नेतृत्व रक्षा, आंतरिक और विदेशी मामलों की समिति के प्रमुख डॉ. अली राशिद अल नुआइमी कर रहे हैं। भारत और यूएई के बीच सदियों पुरानी सभ्यतागत एवं सांस्कृतिक साझेदारी के इतिहास को उद्धृत करते हुए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि आजादी के बाद से ही दोनों देशों के बीच लोगों से लोगों के जुड़ाव में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। बड़ी संख्या में भारतीय नागरिक यूएई में रहते हैं और वहां की प्रगति में अपना योगदान दे रहे हैं। उन्होंने दोनों देशों के नागरिकों के बीच पारस्परिक समझ तथा साझेदारी को और अधिक बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि स्वामी नारायण मंदिर का निर्माण भारत और यूएई के मजबूत सांस्कृतिक संबंधों का प्रमाण है। भारत में प्रौद्योगिकी, नवाचार और निवेश की प्रबल संभावनाओं की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि सामूहिक प्रयासों के कारण आज भारत विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। वर्ष 2022 में अपनी यूएई की यात्रा का उल्लेख करते हुए बिरला ने विचार व्यक्त किया कि संसदों के बीच नियमित चर्चा संवाद से दोनों देशों के बीच अच्छी समझ विकसित हुई है। उन्होंने वैश्विक और क्षेत्रीय विषयों पर दोनों देशों के बीच आपसी सहमति मजबूत संबंधों का आधार बताया। उन्होंने दोनों देशों में संसदीय शिष्टमंडलों के नियमित रूप से आदान प्रदान को द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए आवश्यक बताया। बिरला ने आगे कहा कि भारत और यूएई प्रौद्योगिकी के माध्यम से अपने देशों के विकास और समृद्धि को सुनिश्चित कर रहे हैं । इस संदर्भ में उन्होंने सुझाव दिया कि आपसी संवाद से दोनों देशों की संसदें अपनी उपलब्धियों, सर्वोत्तम प्रथाएं और नवाचार को आपस में साझा कर सकते हैं। उन्होंने दोनों देशों की संसदों की समितियों के बीच नियमित चर्चा संवाद की परंपरा स्थापित करने की बात की ताकि दोनों देश एक दूसरे के अनुभवों से सीख सकें। भारत की विश्व् बंधुत्व की भावना पर प्रकाश डालते हुए बिरला ने कहा कि भारत प्रगति के परस्पर लाभकारी रूप को महत्व देता हैं। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की कि दोनों देश सांस्कृतिक और व्यापारिक आदान-प्रदान की परंपरा को नई ऊंचाइयां प्रदान कर रहे हैं। उन्होंने आशा व्यक्त की कि भारत और यूएई के बीच पर्यटन को और बढ़ावा मिले । यूएई में भारतीय समुदाय का उल्लेख करते हुए उन्होंने इस उपलब्धि को मजबूत सांस्कृतिक संबंधों का प्रमाण बताया। अल नुआइमी ने दोनों देशों के बीच भाईचारे की भावना की सराहना की। उन्होंने कहा कि भारत और यूएई के बीच सदियों पुराने ऐतिहासिक संबंध हैं। लोगों का लोगों से जुड़ाव पर जोर देते हुए, उन्होंने कहा कि दोनों देशों को अपने द्विपक्षीय संबंधों को अगले स्तर पर ले जाने के लिए प्रयास करना चाहिए। उन्होंने विकास और समृद्धि की ओर ले जाने वाले व्यापार, प्रौद्योगिकी और सांस्कृतिक संपर्कों के प्रति दृढ़ प्रतिबद्धता के लिए दोनों देशों के दूरदर्शी नेतृत्व की भी सराहना की ।