
नई दिल्ली। भारतीय बाजार में हलचल मच गई है जब भारतीय मार्केट रेगुलेटर सेबी ने म्युचुअल फंड के नियमों में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। नए नियमों के अनुसार, अब एसेट मैनेजमेंट कंपनियों को न्यू फंड ऑफर ( एनएफओ) में आई रकम को तय समय सीमा में निवेश करना होगा। इसके अलावा सेबी ने म्युचुअल फंड स्कीम्स के लिए स्ट्रेस टेस्टिंग को अनिवार्य कर दिया है ताकि निवेशकों को स्कीम की वित्तीय स्थिरता को बेहतर समझने में मदद मिले। नए नियम 1 अप्रैल से लागू होंगे और इनका मकसद म्युचुअल फंड्स के ऑपरेशन को ज्यादा फ्लेक्सिबल और जवाबदेह बनाना है। अप्रैल की पहली तारीख से लागू होने वाले निए नियमों के अनुसार एएमसीएस को न्यू फंड ऑफर से आई रकम को 30 दिनों के अंदर निवेश करना होगा। इससे निवेशकों को भी लाभ होगा क्योंकि अब वे बिना किसी एग्जिट लोड के अपना पैसा निकाल सकेंगे। इस नए नियम का उद्देश्य एएमसीएस को जरूरत से ज्यादा फंड न जुटाने और स्ट्रेस टेस्टिंग के जरिए निवेशकों को स्कीम की वित्तीय स्थिरता को समझने में मदद मिले।
