अयोध्या, (हि.स.)। छुआछूत शास्त्र आधारित नहीं है। हम सब हिन्दू आपस में भाई-भाई हैं। समरस समाज समर्थ भारत ऐसा संदेश लेकर जनवरी माह में विश्व हिन्दू परिषद सामाजिक समरसता अभियान की ओर से सामाजिक समरसता यात्रा निकाली जायेगी। इस दौरान सेवा बस्तियों में समरसता संगोष्ठी, समरसता महायज्ञ व संतों की पदयात्राएं होंगी। यह जानकारी विश्व हिन्दू परिषद के केन्द्रीय मंत्री व सामाजिक समरसता अभियान के अखिल भारतीय प्रमुख देवजी भाई रावत ने दी । देवजी भाई रावत ने बताया कि समरसता यात्रा के दौरान अस्पृश्यता मुक्त भारत व समरसता युक्त भारत बनाने के लिए गांवों में आम जनता से संकल्प कराया जायेगा। प्रत्येक जिले में बेरोजगार यु- वाओं को हुनरमंद बनाने के लिए ट्रेनिंग सेन्टर प्रारम्भ कर दलित युवाओं को आर्थिक रूप से सक्षम बनाया जायेगा। आने वाले समय में अनुसूचित जाति व जनजाति छात्र- ावासों में पढ़ने वाले बच्चों से सम्पर्क व सहयोग की योजना बनाई गयी है। इसके अलावा प्रत्येक जिले में विश्व हिन्दू परिषद के कार्यकर्ता सेवा बस्ती के एक-एक परिवार को गोद लेकर हिन्दू परिवार मित्र बनायेंगे। सामाजिक समरसता अभियान के सह प्रान्त प्रमुख धर्मेन्द्र कुशवाहा ने बताया कि अवध प्रान्त में 01 जनवरी से 07 जनवरी तक समरसता यात्री निकाली जायेगी। धर्मेन्द्र ने बताया कि सामाजिक विषमता व छुआछूत के कलंक को मिटाने के लिए अवध प्रान्त के सभी जिलों में 10-12 विविध स्तर पर विविध समाज के लोगों की समरसता टोली का गठन किया जायेगा। उन्होंने बताया कि अभ्यास वर्ग में अवध प्रान्त के 25 जिलों के कार्यकर्ता उपस्थित रहे। आगामी वाल्मीकि जयंती, राम खिचड़ी सहभोज व समरसता यात्रा के माध्यम से समाज में जन जागरण करने की योजना बनाई गयी। दो दिवसीय अभ्यास वर्ग को विश्व हिन्दू परिषद के उपाध्यक्ष चंपत राय, श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के व्यवस्थापक गोपाल जी, संत निराला दास महाराज, समरसता अभियान अवध व गोरक्ष के प्रमुख मुकेश ने संबोधित किया। इस मौके पर प्रान्त प्रमुख गोविन्द शाह, प्रान्त सह प्रमुख राज कुमार सोनी, भगवती सिंह, अमरेन्द्र व पारसनाथ प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।