लाख दीयों में तेल, बाती लगाकर देर शाम प्रज्ज्वलित करने के साथ एक नया विश्व रिकार्ड कायम करेंगे। दूसरी ओर घाटों पर घाट प्रभारी व समन्वयक द्वारा समय-समय पर वालंटियर को दिशा-निर्देश प्रदान किए जा रहे हैं। बहुत ही सावधानी से वालंटियर गत्तों से दीए निकालकर घाटों पर बिछाने का कार्य कर रहे हैं। इन वालंटियर को घाटों पर स्वच्छ पानी पीने की व्यवस्था सामग्री संयोजक प्रो० सिद्धार्थ शुक्ला व प्रो. गंगाराम मिश्र की देखरेख में की गई है। सभी को स्वच्छ पानी उपलब्ध कराया जा रहा है। इसके अतिरिक्त वालंटियर के लिए भोजन की व्यवस्था भी की गई। भोजन समिति के संयोजक प्रोफेसर चयन कुमार मिश्र व उनके सहयोगियों द्वारा भजन संध्या स्थल पर वालंटियर को भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। दूसरी ओर विश्वविद्यालय के उपकुलसचिव दिनेश कुमार मौर्य द्वारा नगर निगम की मदद से घाटों की स्वच्छता के लिए भारी भरकम टीम उतार दी गई है। इनके द्वारा घाटों की साफ-सफाई अधिकारी प्रोफेसर संत शरण मिश्र ने बताया कि दीपोत्सव के विश्व कीर्तिमान के लिए विश्वविद्यालय परिसर सहित 14 महाविद्यालय, 37 इण्टर कॉलेज, 40 एनजीओ के 30 हजार वालंटियर लगाए गए हैं। सरयू के 55 घाटों पर 30 एमएल दीए के 16 गुणे 16 का एक ब्लाक वालंटियर द्वारा बनाया जा रहा है। जिनमें 256 दीए बिछाये जा रहे हैं। दीपोत्सव के दिन 30 एमएल दीए में 30 एमएल सरसों को इस्तेमाल किया जाएगा। घाट प्रभारी व समन्वयक की देखरेख में बड़ी सावधानी से दीए में तेल डालने का काम करेंगे। दीया बिछाने का कार्य 28 अक्तूबर तक पूरा कर लिया जाएगा। 29 से घाटों पर लगे दीए की गणना की जाएगी। वहीं 30 अक्तूबर को घाटों पर लगे दीयों में बाती, तेल डालकर व प्रज्ज्वलन करके विश्व रिकार्ड बनाएंगे। मीडिया प्रभारी डॉ. विजयेन्दु चतुर्वेदी ने बताया कि कुलपति के कुशल प्रबंधन में दीपोत्सव की सफलता के लिए विश्वविद्यालय, सम्बद्ध महाविद्यालयों, इण्टर कॉलेज व स्वयंसेवी संस्थाओं के भारी भरकम टीम उतार दी गई है। सभी दीपोत्सव में विश्व कीर्तिमान बनाने के लिए युद्धस्तर पर कार्य को अंजाम दे रहे है ।