सरकार ने 50 साल के बॉन्ड के जरिए जुटाए 10 हजार करोड़
नई दिल्ली । भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने एक विज्ञप्ति में बताया है कि उसने साप्ताहिक बॉन्ड नीलामी के दौरान 2073 में परिपक्व होने वाली नई सरकारी प्रतिभूति पर 7.46 प्रतिशत की कूपन दर तय की है। विज्ञप्ति में कहा गया है कि इस बांड के जरिये सरकार ने 10,000 करोड़ रुपये जुटाए। केंद्र ने उधारी कैलेंडर की दूसरी छमाही में पहली बार लंबी अवधि की प्रतिभूतियों की मांग के कारण 50 साल की प्रतिभूति की घोषणा की थी। वित्त मंत्रालय ने 26 सितंबर को एक बयान में कहा, लंबी अवधि की प्रतिभूतियों के लिए बाजार की मांग को देखते हुए पहली बार 50 साल की प्रतिभूति जारी की जाएगी। पहले सरकार की ओर से 40 साल तक की परिपक्कता वाले बॉड जारी होते थे अब तक सरकार 40 साल तक की परिपक्वता वाले बॉन्ड जारी करती रही है। वित्त मंत्रालय ने कहा था कि केंद्र 2023-24 की दूसरी छमाही में सरकारी प्रतिभूतियां जारी करके 6.55 लाख करोड़ रुपये उधार लेगा, 20,000 करोड़ रुपये के ग्रीन बॉन्ड कार्यक्रम भी इसका हिस्सा होंगे। वित्त वर्ष 2023- 24 के बजट में केंद्र के पूरे साल के सकल उधारी कार्यक्रम के सकल आधार पर रिकॉर्ड 15.43 लाख करोड़ रुपये और शुद्ध रूप से 11.8 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया गया था। आरबीआई हर हफ्ते नीलामी के माध्यम से बॉन्ड जारी करके सरकार की ओर से उधार कार्यक्रम का प्रबंधन करता है। 3 नवंबर को साप्ताहिक बॉन्ड नीलामी के दौरान, आरबीआई ने 10 साल के बेंचमार्क 7.18 प्रतिशत 2033 प्रतिशत बॉन्ड पर 7.3145 प्रतिशत की कट-ऑफ पर अंतर्निहित यील्ड निर्धारित की और 13,000 करोड़ रुपये जुटाए। इसी तरह, 7.37 प्रतिशत 2028 बॉन्ड पर 7.2909 की अंतर्निहित यील्ड पर 7000 करोड़ रुपये जुटाए गए।