नई दिल्ली। सरकार ने डीएपी उर्वरक को 1,350 रुपए प्रति बोरी के भाव पर किसानों तक पहुंचाने के लिए अतिरिक्त सब्सिडी को 31 दिसंबर, 2024 से आगे बढ़ाने का बुधवार को फैसला किया। इससे सरकारी खजाने पर 3,850 करोड़ रुपए तक का बोझ पड़ेगा। पिछले साल केंद्र सरकार ने एक अप्रैल से 31 दिसंबर, 2024 तक के लिए 3,500 रुपए प्रति टन के हिसाब से डाइ- अमोनियम फॉस्फेट (डीएपी) पर 2,625 करोड़ रुपए का एकबारगी विशेष पैकेज देने की घोषणा की थी। यह पैकेज गैर-यूरिया पोषक तत्वों पर सरकार की तरफ से तय पोषक तत्व-आधारित सब्सिडी (एनबीएस) के अतिरिक्त था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस विशेष पैकेज को एक जनवरी, 2025 से अगले आदेश तक की अवधि के लिए बढ़ाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। इसमें डीएपी पर 3,500 रुपए प्रति टन की दर से सब्सिडी देने का प्रावधान है। एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, किसानों को सस्ती कीमतों पर डीएपी की लगातार उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए यह निर्णय लिया गया है। डीएपी पर विशेष पैकेज पोषक तत्व- आधारित सब्सिडी के अलावा दिया जाएगा ताकि किसानों को सस्ते दाम पर डीएपी उर्वरक उपलब्ध कराई जा सके। सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मंत्रिमंडल की बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा कि किसानों को 1,350 रुपए प्रति बोरी की दर से डीएपी उर्वरक मिलती रहेगी और इस पर पड़ने वाला अतिरिक्त बोझ केंद्र सरकार वहन करेगी। उन्होंने कहा कि डीएपी के लिए 3,850 करोड़ रुपए तक के एकमुश्त विशेष पैकेज को मंजूरी दी गई है। उन्होंने कहा कि भू-राजनीतिक चिंताओं के कारण डीएपी की वैश्विक बाजार कीमतें अस्थिर हैं। केंद्र सरकार उर्वरक निर्माताओं/ आयातकों के जरिये किसानों को सब्सिडी मूल्य पर 28 तरह के पीएंडके उर्वरक मुहैया कराती है। इन उर्वरकों पर सब्सिडी का निर्धारण एनबीएस योजना के तहत होता है जो एक अप्रैल, 2010 से प्रभावी है।