शिक्षा ही सबसे अहम, जो दे सकती है समाज को नई दिशा : विशिष्ठ न्यायाधीश

बीकानेर (हिंस)। जैन महासभा बीकानेर की ओर से गंगाशहर स्थित आशीर्वाद भवन में एक प्रतिभा सम्मान समारोह आयोजित किया गया। इस दौरान जैन समाज की सौ से अधिक प्रतिभाओं को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन व मंगलाचरण से हुई । कार्यक्रम की अध्यक्षता समाजसेवी जयचंद लाल डागा ने की। मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुई विशिष्ठ न्यायाधीश, जयपुर महानगर भानू प्रिया जैन ने कहा कि आज शिक्षा ही सबसे अहम है, जो समाज को नई दिशा दे सकता है। उन्होंने प्रतिभावान बच्चों से कहा कि जब पढ़ लिखकर आगे बढ़ोगे, तो अपने देश, गांव, शहर और अपने समाज का नाम रोशन होगा। साथ ही जीवन में स्वालम्बी बनने के लिए भी शिक्षा जरूरी है। उन्होंने जैन महासभा के इस प्रयास की सराहना की। साथ ही कहा कि इस तरह से अलग-अलग क्षेत्रों में समाज का नाम रोशन करने वाली प्रतिभाओं को सम्मान करने से उनका उत्साह बढ़ेगा और उनमें आगे भढ़ने की ललक बनी रहेगी। उन्होंने अपने स्कूल समय और जीवन के सफर में बीते संघर्ष के दिनों का स्मरण करते हुए कहा कि जीवन में आगे भढ़ने में चुनौतियां आती है, उसका डटकर मुकाबला करने वाला हमेशा ही एक मुकाम हासिल करता है । विशिष्ठ अतिथि के रूप में शामिल हुए भारतीय आर्थिक सेवा और केंद्र सरकार के शिक्षा विभाग के अधिकारी अरिहंत सुराणा ने कहा कि प्रतिभाएं सभी में होती है, लेकिन उनको तराशने वाला जौहरी चाहिए। आज जैन महासभा ने ऐसी प्रतिभाओं को सम्मानित कर बहुत ही सराहनीय कदम उठाया है। इस तरह के आयोजन लगातार होने चाहिए । इससे प्रतिभाओं को प्रोत्साहन मिलता है। संयोजक संजय कोचर ने कार्यक्रम की रुपरेखा बताई। साथ ही प्रतिभाओं का उत्साहवर्धन किया। लूणकरण छाजेड़ ने संस्था का परिचय देते हुए गतिविधियों पर प्रकाश डाला। जैन महासभा के अध्यक्ष विनोद बाफना ने कहा कि महासभा का उद्देश्य विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य करने वाली प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करना, उनका उत्साह बढ़ाना है। उन्होंने कहा कि महासभा आज समाज के इतने प्रतिभावान रतनों को सम्मानित कर स्वयं को गौरान्वित महसूस कर रही है।

शिक्षा ही सबसे अहम, जो दे सकती है समाज को नई दिशा : विशिष्ठ न्यायाधीश
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