विद्युतीकरण बुनियादी अवसंरचना के अनुरक्षण के लिए पूसीरे ने किया इरकॉन के साथ एमओयू

गुवाहाटी (हिंस)। भारतीय रेल में पहली बार पूर्वोत्तर सीमा रेलवे (पूसीरे) ने ओवरहेड इक्विपमेंट (ओएचई) और पावर सप्लाई इंस्टॉलेशन (पीएसआई) सहित विद्युतीकरण बुनियादी अवसंरचना के अनुरक्षण के लिए एक नई शुरूआत की है। इसके लिए गुरुवार को पूसीरे ने इरकॉन इंटरनेशनल लिमिटेड के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। इस ज्ञापन पर 26 दिसंबर को पूसीरे के महाप्रबंधक चेतन कुमार श्रीवास्तव और इरकॉन के मुख्य प्रबंध निदेशक एचएम गुप्ता ने हस्ताक्षर किए है। इस संबंध में पूसीरे के सीपीआरओ कपिंजल किशोर शर्मा ने बताया है कि इरकॉन एक प्रतिष्ठित संगठन है, जो 1976 से भारत और विदेशों में विशेष रूप से दुर्गम इलाकों में चुनौतीपूर्ण बुनियादी अवसंरचना परियोजनाओं के निष्पादन के लिए जाना जाता है। इस समझौता के तहत लमडिंग और तिनसुकिया मंडलों में ओवरहेड इक्विपमेंट (ओएचई) और पावर सप्लाई इंस्टॉलेशन (पीएसआई) के अनुरक्षण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह समझौता ज्ञापन पूसीरे के लिए जानकारियों के आदान- प्रदान और विद्युतीकरण के बुनियादी अवसंरचना के प्रबंधन में नवीनतम प्रौद्योगिकियों एवं विशेषज्ञता तक पहुंच के लिए एक मंच के रूप में कार्य करेगा। उल्लेखनीय है कि लमडिंग और तिनसुकिया मंडल का विद्युतीकरण कार्य तीव्र गति से आगे बढ़ रहा है। अधिकांश सेक्शन पहले से ही विद्युतीकृत हैं और शेष 425 आरकेएम जून, 2025 तक चालू हो जाएंगे। सेक्शनों के तेजी से चालू होने के कारण, विद्युतीकरण कार्यों के अनुरक्षण में कई गुना बढ़ोतरी हुई है, जिसके लिए निर्दिष्ट अनुरक्षण और ब्रेकडाउन मामलों में प्रशिक्षित और अनुभवी रेल कर्मियों की आवश्यकता है क्योंकि इलेक्ट्रिक ट्रैक्शन प्रत्यक्ष रूप से ट्रेन परिचालन से संबंधित है। पूसीरे में विद्युतीकरण का कार्य एक नए चरण में है और रेलवे प्राधिकारियों ने अनुबंध के रूप में 02 वर्ष की अवधि के लिए सेक्शनों के अनुरक्षण और ब्रेकडाउन की देखभाल के लिए इरकॉन को शामिल करने का निर्णय लिया है, जो व्यवस्थित अनुरक्षण की दिशा में एक अनुकरणीय कदम है।

विद्युतीकरण बुनियादी अवसंरचना के अनुरक्षण के लिए पूसीरे ने किया इरकॉन के साथ एमओयू
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