नई दिल्ली। वित्त मंत्रालय ने अप्रत्याशित लाभ कर करने के नियमों के प्रभाव की समीक्षा करने का फैसला किया है, क्योंकि कच्चे तेल की निर्यात की कीमतें वैश्विक स्तर पर स्थिर रह गई हैं। इस निर्णय के बाद पेट्रोल, डीजल, और विमान ईंधन (एटीएफ) के निर्यात पर एसएईडी को शून्य किया गया है। जून 2022 में सरकार ने घरेलू उत्पादित कच्चे तेल पर अप्रत्याशित लाभ कर को मिटाकर एसएईडी लागू किया था। इसमें पेट्रोलियम के निर्यात के लिए निर्धारित कीमतों में भी भारी कमी की गई थी। इस नए निर्णय के बाद सूत्रों का कहना है कि वित्त मंत्रालय अप्रत्याशित लाभ कर से होने वाली सम्भावित लाभ की समीक्षा करने जा रहा है। इससे जुड़े करों का भी आंकलन किया जाएगा। अप्रत्याशित लाभ कर का निर्धारण पहले 31 अगस्त को किया गया था, जब कच्चे पेट्रोलियम के निर्यात पर 1,850 रुपये प्रति टन को तय किया गया था। अब इसे 18 सितंबर से शून्य पर यथावत रखा गया है। इस निर्णय के प्रभाव से एविएशन इंडस्ट्री को भी लाभ हो सकता है, क्योंकि एटीएफ के निर्यात पर भी एसएईडी लागू है। देश की ऊर्जा क्षेत्र में यह एक महत्वपूर्ण कदम है जो मंत्री निर्मला सीतारमण की नेतृत्व में लिया गया है। वित्त मंत्रालय की ओर से गृहित प्रस्तावों के परिणामस्वरूप पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने जीएसटी के दायरे में प्राकृतिक गैस को शामिल करने के लिए पत्र भेजा है। इस परिषद में लेने वाले निर्णय से जल्द ही ऊर्जा सेक्टर में और बदलाव देखने की उम्मीद है।