
नई दिल्ली (हि.स.) । लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि विकसित भारत के संकल्प को पूरा करने में शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका है । शिक्षक ही छात्रों के विचारों में लोकतांत्रिक सिद्धांतों का समावेश करने में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं। लोकसभा अध्यक्ष बिरला रविवार को संसद भवन परिसर में संसदीय शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान (प्राइड) की ओर से आयोजित कार्यक्रम में अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ (एबीआरएसएम) के सदस्यों को संबोधित कर रहे थे । बिरला ने कहा कि शैक्षिक संस्थान, जैसे आईआईटी और एनआईटी न केवल ज्ञान का प्रसार र करने में अग्रणी हैं, बल्कि उन्होंने दुनिया की कई समस्याओं के समाधान भी दिए हैं। यही कारण है कि हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हमारे छात्र वैश्विक संदर्भ और तेजी से बदलती तकनीकों के साथ तालमेल बैठाने की क्षमता विकसित करें। इस सन्दर्भ में उन्होंने कहा कि शिक्षक केवल ज्ञान ही नहीं देते, बल्कि अपने अनुभवों और विचारों को साझा करके छात्रों को एक नई दिशा दिखाते हैं। लोकसभा अध्यक्ष ने भारत को दुनिया का सबसे बड़ा प्रौद्योगिकी और नवाचार हब बनाने के प्रयासों के परिप्रेक्ष में नवाचार और अनुसंधान में राष्ट्रीय क्षमताओं को और बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने संसद के कामकाज में तकनीकी नवाचारों के सक्रिय उपयोग का भी जिक्र किया। 22 भारतीय भाषाओं में समानांतर भाषांतरण और संसद में 1947 से लेकर अब तक सभी बहसों के डिजिटलीकरण का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि इन कदमों ने न केवल संसदीय कार्य की दक्षता को बढ़ाया है, बल्कि भारत की संसद को एक तकनीकी रूप से उन्नत संस्थान बना दिया है।
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